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{{One source|date=October 2019}}
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क्रिया, संवेदन, विचार, भावना, विवेक, निर्णय, दायित्वबोध, अनुभूति
स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि समस्त ज्ञान हमारे
स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि समस्त ज्ञान हमारे
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करेंगे ।
करेंगे ।
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क्रिया
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== क्रिया ==
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कर्मन्द्रियाँ क्रिया करती हैं। पाँच में से हम तीन
कर्मन्द्रियाँ क्रिया करती हैं। पाँच में से हम तीन
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करनी चाहिए ।
करनी चाहिए ।
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विचार
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== विचार ==
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ठोस पदार्थ का, प्रत्यक्ष घटना का, व्यक्त वाणी का
ठोस पदार्थ का, प्रत्यक्ष घटना का, व्यक्त वाणी का
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हैं , इस बात को ठीक से समझना चाहिये ।
हैं , इस बात को ठीक से समझना चाहिये ।
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विवेक
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== विवेक ==
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सही क्या और गलत क्या, उचित क्या और अनुचित
सही क्या और गलत क्या, उचित क्या और अनुचित
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सन्दर्भ में इनका विचार करना अपरिहार्य है ।
सन्दर्भ में इनका विचार करना अपरिहार्य है ।
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निर्णय और दायित्वबोध
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== निर्णय और दायित्वबोध ==
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पदार्थ को कर्मेन्ट्रिय ने भौतिक रूप में, ज्ञानेन्द्रियों ने
पदार्थ को कर्मेन्ट्रिय ने भौतिक रूप में, ज्ञानेन्द्रियों ने
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का दायित्व है ।
का दायित्व है ।
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अनुभूति
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== अनुभूति ==
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अनुभूति की शिक्षा
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=== अनुभूति की शिक्षा ===
ज्ञानेन्द्रियों से और कर्मेन्ट्रियों से जानना होता है । वह
ज्ञानेन्द्रियों से और कर्मेन्ट्रियों से जानना होता है । वह