पृथ्वी का अक्ष अपनी कक्षा (क्रान्ति वृत्त) पर जितना झुका रहेगा कर्क रेखा विषुव से उतना ही उत्तर या मकर रेखा उतना ही दक्षिण होगा। पृथ्वी अक्ष का झुकाव २२ से २६ अंश तक ४१,००० वर्ष के चक्र में घटता बढ़ता है। अभी यह घट रहा है। कर्क रेखा का सबसे उत्तर का स्थान लखनऊ के निकट था अतः उसे नैमिषारण्य कहते थे जहां सूर्य के रथ की नेमि शीर्ण हो गयी थी (धुरा टूट गया, गति रुक गयी)। (पद्म पुराण, १/१, वायु पुराण, १२५/२७ आदि)। इक्ष्वाकु के पुत्र मिथिला राजा निमि के काल में (८५०० ईपू) कर्क रेखा मिथिला को छूती थी, अतः कहते थे कि राजा निमि की परक (निमि) नहीं गिरती है। | पृथ्वी का अक्ष अपनी कक्षा (क्रान्ति वृत्त) पर जितना झुका रहेगा कर्क रेखा विषुव से उतना ही उत्तर या मकर रेखा उतना ही दक्षिण होगा। पृथ्वी अक्ष का झुकाव २२ से २६ अंश तक ४१,००० वर्ष के चक्र में घटता बढ़ता है। अभी यह घट रहा है। कर्क रेखा का सबसे उत्तर का स्थान लखनऊ के निकट था अतः उसे नैमिषारण्य कहते थे जहां सूर्य के रथ की नेमि शीर्ण हो गयी थी (धुरा टूट गया, गति रुक गयी)। (पद्म पुराण, १/१, वायु पुराण, १२५/२७ आदि)। इक्ष्वाकु के पुत्र मिथिला राजा निमि के काल में (८५०० ईपू) कर्क रेखा मिथिला को छूती थी, अतः कहते थे कि राजा निमि की परक (निमि) नहीं गिरती है। |