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सनातन धर्म का एक प्रमुख अंग पूजा है। सृष्टि का प्रत्येक मानव अपने-अपने ढंग से परमात्मा या दैवी सत्ता की आराधना, प्रार्थना और ध्यान आदि करता है, यह सब पूजा का ही रूप है। ब्रह्मलोक की प्राप्ति के लिये चित्त को एकाग्र करने का नाम पूजा है। चिन्तन, मनन, उपासना आदि पूजा के पर्यायवाची शब्द हैं। जिन साधनों से जीवात्मा और परमात्मा का सम्बन्ध स्थापित हो जाये, वही पूजा है। पूजा का वास्तविक स्वरूप है पूज्य के आदर्श को अनुकरण करके उसके सद्गुणों का स्वयं भी ग्रहण करना चाहिये।  
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पूजा सनातन धर्म का एक प्रमुख अंग है। सृष्टि का प्रत्येक मानव अपने-अपने ढंग से परमात्मा या दैवी सत्ता की आराधना, प्रार्थना और ध्यान आदि करता है, यह सब पूजा का ही रूप है। ब्रह्मलोक की प्राप्ति के लिये चित्त को एकाग्र करने का नाम पूजा है। चिन्तन, मनन, उपासना आदि पूजा के पर्यायवाची शब्द हैं। जिन साधनों से जीवात्मा और परमात्मा का सम्बन्ध स्थापित हो जाये, वही पूजा है। पूजा का वास्तविक स्वरूप है पूज्य के आदर्श को अनुकरण करके उसके सद्गुणों का स्वयं भी ग्रहण करना चाहिये।  
    
==परिचय॥ Introduction==
 
==परिचय॥ Introduction==
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==उद्धरण॥ References==
 
==उद्धरण॥ References==
 
<references />
 
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[[Category:Yoga]]
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[[Category:Hindi Articles]]
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