उपर्युक्त ये विषय प्रतिपादित हैं। श्रौतस्मार्तधर्म कृत्यों में इन की ही अपेक्षा होने से इस वेदाङ्गज्योतिष ग्रन्थ में इन विषयों का ही मुख्यतया प्रतिपादन किया गया है। | उपर्युक्त ये विषय प्रतिपादित हैं। श्रौतस्मार्तधर्म कृत्यों में इन की ही अपेक्षा होने से इस वेदाङ्गज्योतिष ग्रन्थ में इन विषयों का ही मुख्यतया प्रतिपादन किया गया है। |