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| 4. मरुत्तः / मरुत्त्तः 4. प्रत्तम् / प्रत्त्तम् | | 4. मरुत्तः / मरुत्त्तः 4. प्रत्तम् / प्रत्त्तम् |
| + | |
| + | == विसर्गसन्धिः == |
| + | |
| + | === ससजुषो रूँः (८-२-६६) === |
| + | ससजुषः रुः |
| + | |
| + | ० स् + सजुषः - ससजुष् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० रूँः - रूँ - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः ? |
| + | |
| + | ० पदस्य - पद - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | पद-स् => रूँ |
| + | |
| + | ==== Application of ससजुषो रूँः ==== |
| + | ० हरिभिस् |
| + | |
| + | ० हरिभि स् |
| + | |
| + | ० हरिभि र् |
| + | |
| + | ० हरिभिर् |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. रमायास् 1. हनूमतस् |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. रमायार् 4. हनूमतर् |
| + | |
| + | 1. ससजुषस् 1. अग्निस् |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. ससजुषर् 4. अग्निर् |
| + | |
| + | === भोभगोऽघोऽपूर्वस्य योऽशि (८-३-१७) === |
| + | भोभगोऽघोऽपूर्वस्य यः अशि |
| + | |
| + | ० भोभगोऽघोऽपूर्वस्य - भोभगोऽघोऽपूर्व - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० यः - य्- प्रथमा-विभक्ति |
| + | |
| + | ० अशि - अश्- सप्तमी-विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्ति:? |
| + | |
| + | ० रोँ: - रूँ - षष्ठी-विभक्ति |
| + | |
| + | भो/भगो/अघो/अ र् (रूँ)अश् => भो/भगो/अघो/अ य् अश् |
| + | |
| + | ==== Application of भोभगोऽघोऽपूर्वस्य योऽशि ==== |
| + | ० रामास् अत्र |
| + | |
| + | ० रामा स् अ त्र |
| + | |
| + | ० रामा र् अ त्र |
| + | |
| + | ० रामा य् अत्र |
| + | |
| + | ० रामा अत्र (लोपः शाकल्यस्य) |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. मन्त्रस् इति 1. अर्जुनस् उवाच |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. मन्त्र इति 4. अर्जुन उवाच |
| + | |
| + | |
| + | 1. नरास ददति 1. अग्निस् इन्द्रः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. नरा ददति 4. अग्निरिन्द्रः |
| + | |
| + | === अतो रोँरप्लुतादप्लुते (६-१-११३) === |
| + | अतः रोँ: अप्लुताद् अप्लुते |
| + | |
| + | ० अतः - अत् - पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० रोँ: - रुँ - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - |
| + | |
| + | ० उत् - उत् - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अति - अत् - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | अत् रूँ अत् => अत् उ अत् |
| + | |
| + | ==== Application of अतो रोँरप्लुतादप्लुते ==== |
| + | ० रामस् अत्र |
| + | |
| + | ० राम स् अ त्र |
| + | |
| + | ० राम र् अ त्र |
| + | |
| + | ० राम उ अ त्र |
| + | |
| + | ० रामो अत्र |
| + | |
| + | ० रामोऽत्र |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. मन्त्रस् अस्ति 1. कृष्णस् अनिरुद्धः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. मन्त्रोऽस्ति 4. कृष्णोऽनिरुद्धः |
| + | |
| + | |
| + | 1. शूरस् अयम् 1. अग्निस् अत्र |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. शूरोऽयम् 4. अग्निरत्र |
| + | |
| + | === हशि च (६-१-११४) === |
| + | ० हशि - हश्- सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - |
| + | |
| + | ० अतः - अत् - पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० रोँ: - रूँ - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० उत् - उत् - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | अत् रुँ हश् => अत् उ हश् |
| + | |
| + | ==== Application of हशि च ==== |
| + | ० पुरुषस् याति |
| + | |
| + | ० पुरुष स् य् आति |
| + | |
| + | ० पुरुष र् य् आति |
| + | |
| + | ० पुरुष उ य् आति |
| + | |
| + | ० पुरुषो याति |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. रामस् हसति 1. सूर्यस् धारयति |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. रामो हसति 4. सूर्यो धारयति |
| + | |
| + | |
| + | 1. कृष्णस् ददाति 1. भीमस् गायति |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. कृष्णो ददाति 4. भीमो गायति |
| + | |
| + | ==== अभ्यास II ==== |
| + | 1. हरिस् त्रायते 1. शिवस् वन्द्यः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. हरिर् त्रायते 4. शिवो वन्द्यः |
| + | |
| + | === रो रि (८-३-१४) === |
| + | रः रि |
| + | |
| + | ० रः - र् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० रि - र् - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः – |
| + | |
| + | ० लोपः - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | र् र् => र |
| + | |
| + | ==== Application of रो रि ==== |
| + | ० निर् रक्तम् |
| + | |
| + | ० नि र् र् अक्तम् |
| + | |
| + | ० नि र् अक्तम् |
| + | |
| + | ० नि रक्तम् |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. दुर् रक्तम् 1. अग्निस् रथः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. दु रक्तम् 4. अग्नि रथः |
| + | |
| + | |
| + | 1. इन्दुस् रमते 1. प्रातर् राजकार्यः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. इन्दु रमते 4. प्रात राजकार्यः |
| + | |
| + | === ढ्रलोपे पूर्वस्य दीर्घो५णः (६-३-१११) === |
| + | ढ्रलोपे पूर्वस्य दीर्घः अणः |
| + | |
| + | ० पूर्वस्य - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० ढ्रलोपे - ढ्रलोप - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० दीर्घः - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अणः - अण् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | अण् <ढ्रलोप> => दीर्घः < ढ्रलोप> |
| + | |
| + | ==== Application of ढ्रलोपे पूर्वस्य दीर्घोऽणः ==== |
| + | ० निर् रक्तम् |
| + | |
| + | ० नि र् र् अक्तम् |
| + | |
| + | ० नि र् अक्तम् |
| + | |
| + | ० नि <ढ्रलोप> रक्तम् |
| + | |
| + | ० न् इ <ढ्रलोप> रक्तम् |
| + | |
| + | ० न ई रक्तम् |
| + | |
| + | ० नीरक्तम् |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. दुर् रक्तम् 1. अग्निस् रथः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. दू रक्तम् 4. अग्नी रथः |
| + | |
| + | |
| + | 1. इन्दुस् रमते 1. रामस् राजमणिः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. इन्दू रमते 4. रामो राजमणिः |
| + | |
| + | ० प्रातर् राजकार्यः ? |
| + | |
| + | === खरवसानयोर्विसर्जनीयः (८-३-१५) === |
| + | खरवसानयोः विसर्जनीयः |
| + | |
| + | ० खरवसानयोः - खर्+अवसान - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० विसर्जनीयः - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - |
| + | |
| + | ० रः - र् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | र् खर्/अवसान => : खर्/अवसान |
| + | |
| + | ==== Application of खरवसानयोर्विसर्जनीयः ==== |
| + | ० वृक्षस् तरति |
| + | |
| + | ० वृक्ष स् तरति |
| + | |
| + | ० वृक्ष र् तरति |
| + | |
| + | ० वृक्षः तरति |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. वृक्षस् 1. रामस् त्रायते |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. वृक्षः 4. रामः त्रायते |
| + | |
| + | |
| + | 1. मनस् चञ्चलम् 1. प्रातर् तनोति |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. मनः चञ्चलम् 4. प्रातः तनोति |
| + | |
| + | ० रामः छाया ? |
| + | |
| + | === विसर्जनीयस्य सः (८-३-३४) === |
| + | ० विसर्जनीयस्य - विसर्जनीय - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० सः - स् - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - |
| + | |
| + | ० खरि - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | <nowiki>:</nowiki> खर् => स् खर् |
| + | |
| + | ==== Application of विसर्जनीयस्य सः ==== |
| + | ० वृक्षस् चरति |
| + | |
| + | ० वृक्ष स् चरति |
| + | |
| + | ० वृक्ष र् चरति |
| + | |
| + | ० वृक्षः चरति |
| + | |
| + | ० वृक्षस् चरति |
| + | |
| + | ० वृक्षश् चरति |
| + | |
| + | ० वृक्षश्चरति |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. वृक्षस् 1. रामस् त्रायते |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. वृक्षः 4. रामस्त्रायते |
| + | |
| + | 1. मनस् चञ्चलम् 1. प्रातर् तनोति |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. मनश्चञ्चलम् 4. प्रातस्तनोति |
| + | |
| + | ० रामश्छाया |
| + | |
| + | ==== Assignment ==== |
| + | Look into the following sutras - |
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| + | ० नश्छव्यप्रशान् (८-३-७) |
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| + | ० शर्परे विरसर्जनीयः(८-३-३५) |
| + | |
| + | ० वा शरि (८-३-३६) |
| + | |
| + | ० कुप्वोः :कःपौ च (८-३-३७) |
| + | |
| + | === एतत्तदोः सुलोपोऽकोरनञ्समासे हलि (६/१/१३२) === |
| + | एतत्तदोः सुलोपः हलि |
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| + | ० एतत्तदोः - एतत् +तत् - षष्ठी विभक्ति |
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| + | ० सुलोपः - प्रथमा विभक्ति |
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| + | ० हलि - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - ? |
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| + | एतत्/तत् सु हल् => एतत्/तत् हल् |
| + | |
| + | ==== Application of एतत्तदोः सुलोपोऽकोरनसमासे हलि ==== |
| + | ० सस् भुङ्कते |
| + | |
| + | ० स स् भुङ्कते |
| + | |
| + | ० स भुङ्कते |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. एषस् ददाति 1. सस् शम्भुः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. एष ददाति 4. स शम्भुः |
| + | |
| + | |
| + | 1. एषस् विष्णुः 1. एषस् अत्र |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. एष विष्णुः 4. एषोऽत्र |
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