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भारतीय व्यायाम की दृष्टि से पश्चिमी देशों की अपेक्षा भारत की प्राचीन अवस्था का जहां तक ज्ञान होता है वहां तक व्यायाम के बहुत प्रमाण प्राप्त होते हैं। हमारे देश के प्राचीन से प्राचीन ग्रन्थों के अवलोकन से यह स्पष्ट हो जाता है कि यहां व्यायाम प्रारम्भ काल से ही व्याप्त है। व्यायाम के मुख्य प्रकार थे- सूर्य नमस्कार, आसन, डंड बैठक, मुग्दर परिचालन, गदाअ, मल्लयुद्ध आदि का विशेष प्रचार-प्रसार था।
 
भारतीय व्यायाम की दृष्टि से पश्चिमी देशों की अपेक्षा भारत की प्राचीन अवस्था का जहां तक ज्ञान होता है वहां तक व्यायाम के बहुत प्रमाण प्राप्त होते हैं। हमारे देश के प्राचीन से प्राचीन ग्रन्थों के अवलोकन से यह स्पष्ट हो जाता है कि यहां व्यायाम प्रारम्भ काल से ही व्याप्त है। व्यायाम के मुख्य प्रकार थे- सूर्य नमस्कार, आसन, डंड बैठक, मुग्दर परिचालन, गदाअ, मल्लयुद्ध आदि का विशेष प्रचार-प्रसार था।
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समाज में व्यायाम का सूत्रपात कहां से हुआ इसके सम्बन्ध में जानकारी नहीं प्राप्त होती है। फिर भी मानवजीवन का अनुशीलन करने से ज्ञात होता है कि मनुष्य आदि काल में कुछ खेल खेला करते थे और उन्हीं खेलों के उन्नत रूप ही आज समाज में दृष्टि गोचर होते हैं।<ref>श्री केशवकुमार ठाकुर, (१९४८) स्वास्थ्य और व्यायाम अध्याय-७ (पृ०५९/६०)।</ref>
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समाज में व्यायाम का सूत्रपात कहां से हुआ इसके सम्बन्ध में जानकारी नहीं प्राप्त होती है। फिर भी मानवजीवन का अनुशीलन करने से ज्ञात होता है कि मनुष्य आदि काल में कुछ खेल खेला करते थे और उन्हीं खेलों के उन्नत रूप ही आज समाज में दृष्टि गोचर होते हैं।<ref>श्री केशवकुमार ठाकुर, (१९४८) स्वास्थ्य और व्यायाम, दारागंज,प्रयागराज: छात्रहितकारी पुस्तकमाला (पृ०५९/६०)।</ref>
    
==== भारतीय व्यायामों के भेद ====
 
==== भारतीय व्यायामों के भेद ====
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== उद्धरण ==
 
== उद्धरण ==
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