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उदाहरण के तौर पर:  
 
उदाहरण के तौर पर:  
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धार्मिक जीवनशैली के कुछ लक्षण इस प्रकार बताए जा सकते हैं। १. मातापिता का सम्मान करना। २. परिवार के लिए कष्ट सहना, त्याग करना। ३. व्यक्तिगत जीवन में सादगी, सेवा, संयम को अहम स्थान देना। ४. पहले अन्य के बारे में सोचना, बाद में अपने बारे में। ५. अपने सुख के लिए प्रकृति का शोषण नहीं करना। ६. हिंसा नहीं करना। ७. प्राणियों की सेवा करना एवं उनकी रक्षा करना। ८. जड़चेतन सभी में परमात्मा का वास है वह जानना। ९. समाज के प्रति अपना ऋण चुकाना। १०. समग्र विश्व को अपना परिवार समझना। ११. देशद्रोह नहीं करना। १२. स्त्रियों का आदर करना।
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धार्मिक जीवनशैली के कुछ लक्षण इस प्रकार बताए जा सकते हैं। १. मातापिता का सम्मान करना। २. परिवार के लिए कष्ट सहना, त्याग करना। ३. व्यक्तिगत जीवन में सादगी, सेवा, संयम को अहम स्थान देना। ४. पहले अन्य के बारे में सोचना, बाद में अपने बारे में। ५. अपने सुख के लिए प्रकृति का शोषण नहीं करना। ६. हिंसा नहीं करना। ७. प्राणियों की सेवा करना एवं उनकी रक्षा करना। ८. जड़़चेतन सभी में परमात्मा का वास है वह जानना। ९. समाज के प्रति अपना ऋण चुकाना। १०. समग्र विश्व को अपना परिवार समझना। ११. देशद्रोह नहीं करना। १२. स्त्रियों का आदर करना।
    
इस सूची को और भी बढ़ाया जा सकता है।
 
इस सूची को और भी बढ़ाया जा सकता है।
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=== पर्यावरण की सुरक्षा करना ===
 
=== पर्यावरण की सुरक्षा करना ===
शायद इस मुद्दे की विशेष समझ देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। पर्यावरण का प्रदूषण आज वैश्विक समस्या बन गया है। जमीन, पानी एवं हवा का प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मानसिक या वैचारिक प्रदूषण एव उसके कारण पैदा होने वाली स्वास्थ्य एवं संस्कृति विषयक गंभीर समस्याओं का हम निरंतर सामना कर रहे हैं। इसका उपाय सर्वस्तर पर करने की आवश्यकता है। सर्वस्तर में विद्यालय का समावेश भी हो हो जाता है। पर्यावरण सुरक्षा के क्रियात्मक उपाय विद्यालय में करना इस पाठ्यक्रम में अभिप्रेत हैं।
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संभवतः इस मुद्दे की विशेष समझ देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। पर्यावरण का प्रदूषण आज वैश्विक समस्या बन गया है। जमीन, पानी एवं हवा का प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मानसिक या वैचारिक प्रदूषण एव उसके कारण पैदा होने वाली स्वास्थ्य एवं संस्कृति विषयक गंभीर समस्याओं का हम निरंतर सामना कर रहे हैं। इसका उपाय सर्वस्तर पर करने की आवश्यकता है। सर्वस्तर में विद्यालय का समावेश भी हो हो जाता है। पर्यावरण सुरक्षा के क्रियात्मक उपाय विद्यालय में करना इस पाठ्यक्रम में अभिप्रेत हैं।
    
=== प्रकृति का परिचय प्राप्त करना ===
 
=== प्रकृति का परिचय प्राप्त करना ===
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==== चित्रप्रदर्शन ====
 
==== चित्रप्रदर्शन ====
इसी विषय में संबंधित सुंदर, अर्थपूर्ण चित्रों का संग्रह विद्यालय में होना चाहिए। समय समय पर ऐसे चित्रों का प्रदर्शन भी होना चाहिए। पुस्तकालय में बैठकर चित्र देखने के लिए अलग से समय की व्यवस्था करना चाहिए। यहाँ चित्रकथाएँ भी बहुत उपयोगी सिद्ध होती हैं।
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इसी विषय में संबंधित सुंदर, अर्थपूर्ण चित्रों का संग्रह विद्यालय में होना चाहिए। समय समय पर ऐसे चित्रों का प्रदर्शन भी होना चाहिए। पुस्तकालय में बैठकर चित्र देखने के लिए अलग से समय की व्यवस्था करना चाहिए। यहाँ चित्रकथाएँँ भी बहुत उपयोगी सिद्ध होती हैं।
    
==== चित्रपुस्तिकाएँ तैयार करना ====
 
==== चित्रपुस्तिकाएँ तैयार करना ====
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### सूती गणवेश पहनें।
 
### सूती गणवेश पहनें।
 
### कूड़े के योग्य निकाल की व्यवस्था करें। सिन्थेटिक एवं प्राकृतिक कूडे को अलग अलग रखें।
 
### कूड़े के योग्य निकाल की व्यवस्था करें। सिन्थेटिक एवं प्राकृतिक कूडे को अलग अलग रखें।
### विद्यालय के भवनों की रचना इस तरह से करवाएँ कि कूलर, पंखा इत्यादि का कम से कम उपयोग करना पड़े या न करना पडे।
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### विद्यालय के भवनों की रचना इस तरह से करवाएँ कि कूलर, पंखा इत्यादि का कम से कम उपयोग करना पड़े या न करना पड़े।
 
### भूमिगत पानी के निकास की व्यवस्था (अन्डरग्राउन्ड ड्रेनेज) हो सके तो न करके सारे गंदे पानी का उपयोग हो सके ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।
 
### भूमिगत पानी के निकास की व्यवस्था (अन्डरग्राउन्ड ड्रेनेज) हो सके तो न करके सारे गंदे पानी का उपयोग हो सके ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।
 
### वर्षा के पानी के संग्रह की व्यवस्था करनी चाहिए।
 
### वर्षा के पानी के संग्रह की व्यवस्था करनी चाहिए।

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