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=== छात्रों का बस्ता ===
 
=== छात्रों का बस्ता ===
१. कक्षा के अनुसार छात्रों के बस्ते में क्या क्या होना चाहिये ?
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# कक्षा के अनुसार छात्रों के बस्ते में क्या क्या होना चाहिये ?
 
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# छात्रों के बस्ते में अनावश्यक चीजें होती हैं क्या ? यदि हां तो किस प्रकार की ?  
२. छात्रों के बस्ते में अनावश्यक चीजें होती हैं क्या ? यदि हां तो किस प्रकार की ?  
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# आजकल आम शिकायत होती है कि छात्रों का बस्ता बहुत भारी होता है। इस शिकायत में कितनी सत्यता है ?  
 
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# यदि बस्ता भारी है तो इसके क्या कारण हैं ? उसका बोझ कम करने के लिये क्या कर सकते
३. आजकल आम शिकायत होती है कि छात्रों का बस्ता बहुत भारी होता है। इस शिकायत में कितनी सत्यता है ?  
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# बस्ता किसे कहते हैं ?
 
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# बस्ते का थैला कैसा होना चाहिये ?  
यदि बस्ता भारी है तो इसके क्या कारण हैं ? उसका बोझ कम करने के लिये क्या कर सकते
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# बस्ते में क्या क्या होना चाहिये ?  
 
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# बिना बस्ते के विद्यालय में अध्ययन हो सकता है क्या ?
५. बस्ता किसे कहते हैं ?
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# बस्ता भारी होगा तो महंगा भी होगा । इस महंगे
 
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६. बस्ते का थैला कैसा होना चाहिये ?  
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७. बस्ते में क्या क्या होना चाहिये ?  
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८. बिना बस्ते के विद्यालय में अध्ययन हो सकता है क्या ?
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९. बस्ता भारी होगा तो महंगा भी होगा । इस महंगे
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बस्ते को सस्ता कैसे बनाया जाय ?  
 
बस्ते को सस्ता कैसे बनाया जाय ?  
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==== प्रश्नावली से पात उत्तर ====
 
==== प्रश्नावली से पात उत्तर ====
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इस प्रकार है :
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# बस्ते में क्या-क्या होना चाहिए ? इसके उत्तर में कॉपी, कम्पास, किताबें और साथ में पानी की बोटल की अनिवार्यता सबने बताई ।
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# बस्ते में अनावश्यक सामग्री के उत्तर में चॉकलेट व खिलौने बताये । निरीक्षण में कुछ बालकों के बस्ते में रिमोट, मोबाइल भी मिल जाते हैं। एक बार कक्षा तीन के छात्रों के बस्ते देखे गये, उसमें काम की १५ वस्तुएँ, काम की वस्तुएँ जो भूल गये १०, और जो किसी काम की नहीं थी, ऐसी ४० वस्तुएँ थीं। इनके अतिरिक्त वस्तुओं में गत वर्ष की कॉपी-किताबें कहानियों की पुस्तकें, शंख-शीप, कंचे, भँवरे, १०-१५ पैन तथा प्लास्टिक की थैलियाँ भी थीं। बस्तों का निरीक्षण करने से ध्यान में आता है कि वे व्यर्थ में ही फालतू वस्तुओं का बोझ लादकर लाते हैं । और काम की वस्तुओं को भूलकर आते हैं। आजकल हाईस्कूल के बड़े छात्र के बस्ते में चाकू जैसी अनर्थकारी वस्तुएँ दिखाई दे जाती हैं।
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# बस्ते में इन सभी वस्तुओं के कारण बोझ बढ़ना तो स्वाभाविक है । बोझ बढ़ने का दूसरा कारण यह बताया जाता है कि प्रतिदिन सभी विषयों की कॉपी-किताबें ले जानी पड़ती हैं, क्योंकि समय सारिणी के अनुसार अध्यापन नहीं होता।
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# बस्ता किसे कहते हैं ? इस प्रश्न के उत्तर में सबने एक ही मत व्यक्त किया है कि बस्ता कॉपी-किताब ले जाने का साधन मात्र है।
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# थैला कैसा होना चाहिए ? इस प्रश्न के उत्तर में यह मत उभरकर आया कि अध्ययन से सम्बन्धित सारी शैक्षिक सामग्री थैले में समा जाय इतना बड़ा हो, सामग्री भीगे नहीं इसलिए प्लास्टिक कॉटेड हो । बिना बस्ते के अध्ययन संभव नहीं है, यह समीकरण सबके मन में गहरा बैठ गया है।
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# बस्तों की कीमतें भी ७०० से १००० रुपये तक होती हैं। जो बस्ते में रखी हुई कॉपी किताबों से भी अधिक होती है। कुल मिलाकर बस्ते बहुत अधिक खर्चीले हो गये हैं; जो वास्तव में अनावश्यक खर्च है।
 
यह प्रश्नावली छत्तीसगढ के प्रधानाचार्य श्री हंसा रागीजी के द्वारा भरकर भेजी है। उनके उत्तरों का आशय
 
यह प्रश्नावली छत्तीसगढ के प्रधानाचार्य श्री हंसा रागीजी के द्वारा भरकर भेजी है। उनके उत्तरों का आशय
  
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