Difference between revisions of "Nirnaya Sindhu Pariccheda 1 (प्रथमपरिच्छेदानुक्रमणिका)"
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|जन्मर्क्षे संक्रान्तौ स्नाने विशेषः | |जन्मर्क्षे संक्रान्तौ स्नाने विशेषः | ||
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|चान्द्रादिमासकथनम् | |चान्द्रादिमासकथनम् | ||
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|सावनादिमासव्यवस्था | |सावनादिमासव्यवस्था | ||
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|मलमासक्षयमासनिर्णयः | |मलमासक्षयमासनिर्णयः | ||
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|अधिकमासकाल नियमः | |अधिकमासकाल नियमः | ||
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|क्षयमासस्यागमकालनियमः | |क्षयमासस्यागमकालनियमः | ||
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|मलमासे कार्याकार्यनिर्णयः | |मलमासे कार्याकार्यनिर्णयः | ||
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|मलमासे वर्ज्यानि | |मलमासे वर्ज्यानि | ||
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|क्षयमासे वर्ज्यावर्ज्यविचारे | |क्षयमासे वर्ज्यावर्ज्यविचारे | ||
| − | | | + | |Activities permitted and not permitted during Kshayamasa |
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|शुक्रगुर्वस्तादिविचारः | |शुक्रगुर्वस्तादिविचारः | ||
| − | | | + | |Deliberation about Shukra and Guru grahas during Astangatatva (Combustion) or Mudha |
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|गुरुशुक्रास्तादौ वर्ज्यम् | |गुरुशुक्रास्तादौ वर्ज्यम् | ||
| − | | | + | |Activities forbidden at the time of Astangatatva of Guru and Shukra |
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|सिंहस्थे कन्यागते वा गुरौ गोदावरीकृष्णास्नानम् | |सिंहस्थे कन्यागते वा गुरौ गोदावरीकृष्णास्नानम् | ||
| − | | | + | |Snana in Godavari and Krishna (rivers) at the time of Guru in Simha and Kanya (rashis) respectively |
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|अतिचारगते जीवे | |अतिचारगते जीवे | ||
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|गुरुशुक्रयो र्बाल्यवृद्धत्वविचारः | |गुरुशुक्रयो र्बाल्यवृद्धत्वविचारः | ||
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|मलमासे च व्रतविशेषः । | |मलमासे च व्रतविशेषः । | ||
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|पक्षनिर्णयतिथिनिर्णयौ | |पक्षनिर्णयतिथिनिर्णयौ | ||
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|सायंप्रातर्वेधलक्षणम् | |सायंप्रातर्वेधलक्षणम् | ||
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|तिथिविशेषे वेधविशेषः । | |तिथिविशेषे वेधविशेषः । | ||
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|कर्मकालव्यापिनीतिथिः युग्मतिथिविचारः | |कर्मकालव्यापिनीतिथिः युग्मतिथिविचारः | ||
| − | | | + | |Presence of Tithi during an activity, presence of two tithis |
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|सामान्यतो दशमी | |सामान्यतो दशमी | ||
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|त्रयोदशी | |त्रयोदशी | ||
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|कृष्णपक्षे विशेषः | |कृष्णपक्षे विशेषः | ||
| − | | | + | |Special aspects about Krishnapaksha |
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|प्रदोषे निषिद्धपदार्थाः | |प्रदोषे निषिद्धपदार्थाः | ||
| − | | | + | |Forbidden things during Pradosha |
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| − | | | + | |Characteristics of Sandhya |
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|यतिनक्तं विधवानक्तं च | |यतिनक्तं विधवानक्तं च | ||
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|सौरनक्तम् | |सौरनक्तम् | ||
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|हरिनक्तम् | |हरिनक्तम् | ||
| − | | | + | |Hari naktam |
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|अयाचितनिर्णयः | |अयाचितनिर्णयः | ||
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|व्रतपरिभाषा | |व्रतपरिभाषा | ||
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|उपवासाधिकारिनिर्णयः | |उपवासाधिकारिनिर्णयः | ||
| − | | | + | |Determining Adhikari for Upavasa |
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|शूद्रवैश्यवर्णधर्माः | |शूद्रवैश्यवर्णधर्माः | ||
| − | | | + | |Dharmas (for Upavasa) for Shudras and Vaishyas |
|१६ | |१६ | ||
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|स्त्रीणामनुज्ञैव | |स्त्रीणामनुज्ञैव | ||
| − | | | + | |For women anujna (agreement by husband) |
|१६ | |१६ | ||
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|स्त्रीणां स्नानविशेषः | |स्त्रीणां स्नानविशेषः | ||
| − | | | + | |Significance of Snana for women (bathing) |
|१६ | |१६ | ||
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|व्रतसंकल्पस्तदारम्भकालश्च | |व्रतसंकल्पस्तदारम्भकालश्च | ||
| − | | | + | |Vrata samkalpa and the start time of a vrata |
|१७ | |१७ | ||
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|भद्रानिर्णयः | |भद्रानिर्णयः | ||
| − | | | + | |Bhadra Nirnaya |
|१७ | |१७ | ||
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Revision as of 17:29, 17 November 2019
Following is the List of Contents of Nirnaya Sindhu's Prathama Pariccheda and linked are the pages associated with each topic.
| विषयाः | Vishaya | पृष्ठांकाः |
|---|---|---|
| मङ्गलाचरणम् | Mangalacharana | १ |
| संक्षेपतः कालनिर्णयः | Kalanirnaya in brief | २ |
| अब्दः पञ्चधा | Five Kinds of Years | २ |
| चान्द्रोऽब्दः षष्टिभेदः | Sixty Kinds of Chandra-Years | २ |
| संवत्सरनामानि तन्निर्णयश्च | Names of Years and their determination | २ |
| संवत्सरनिर्णयः | Determining the Year | २ |
| अयननिर्णयः | Determining the Ayana | २ |
| अयनयोर्विनियोगः | Use of Ayanas | २ |
| तत्र गृहप्रवेशदेवताप्रतिष्ठादिनिर्णयः | Determining Grhapravesha Devata Pratishta | २ |
| दक्षिणायनेऽपि प्रतिष्ठा | Pratishta in Dakshinayana | २ |
| ऋतुनिर्णयः | Determining the seasons | ३ |
| ऋतुमासभेदाः | Difference between seasons and months | ३ |
| मासनिर्णयः | Determining the month | ३ |
| संक्रान्ति निर्णयः | Determining Sankranti | ३ |
| सर्वसंक्रान्तिषु दानानि | Danas during all Sankrantis | ३ |
| संक्रान्तावुपवासदाननिर्णयः | Determining Upavasa and Danas during Sankrantis | ४ |
| संक्रान्तौ श्राद्धम् | Shraddha during Sankranti | ४ |
| विष्णुपदादिस्वरूपम् | Nature of Vishnupada and others | ४ |
| अत्र च पिण्डरहितं श्राद्धम् | Shraddha without offering Pinda | ५ |
| कुत्रचिद्रात्रौ स्नानम् | Snana at some places at night | ५ |
| जन्मर्क्षे संक्रान्तौ स्नाने विशेषः | Snana during days of birthstar and Sankranti | ६ |
| कुत्रचित्सायंसंध्यानिषेधः | ६ | |
| चान्द्रादिमासकथनम् | Chaandramasa svarupa | ६ |
| सावनादिमासव्यवस्था | Savanamasa svarupa | ६ |
| मलमासक्षयमासनिर्णयः | Determining Malamasa and Kshayamasa | ७ |
| अधिकमासकाल नियमः | Determining Adhikamasa | ७ |
| क्षयमासस्यागमकालनियमः | Determining the start of Kshayamasa | ७ |
| मलमासे कार्याकार्यनिर्णयः | Activities permitted and not permitted during Malamasa | ८ |
| मलमासे वर्ज्यानि | Forbidden activities during Malamasa | ११ |
| क्षयमासे वर्ज्यावर्ज्यविचारे | Activities permitted and not permitted during Kshayamasa | ११ |
| शुक्रगुर्वस्तादिविचारः | Deliberation about Shukra and Guru grahas during Astangatatva (Combustion) or Mudha | ११ |
| गुरुशुक्रास्तादौ वर्ज्यम् | Activities forbidden at the time of Astangatatva of Guru and Shukra | ११ |
| सिंहस्थे कन्यागते वा गुरौ गोदावरीकृष्णास्नानम् | Snana in Godavari and Krishna (rivers) at the time of Guru in Simha and Kanya (rashis) respectively | १२ |
| अतिचारगते जीवे | Atichara (speed) of Jiva (Guru graha) | १२ |
| गुरुशुक्रयो र्बाल्यवृद्धत्वविचारः | Deliberation about stages of Shukra and Guru grahas | १२ |
| बाल्यादेर्देशपरत्वेन व्यवस्था | १२ | |
| अस्तादेरपवादः | १२ | |
| मलमासे च व्रतविशेषः । | Vratas in Malamasa | १३ |
| पक्षनिर्णयतिथिनिर्णयौ | Determination of Paksha and Tithis | १३ |
| तिथेर्वेधादिनिर्णयः | Determination of Tithi Vedha | १३ |
| सायंप्रातर्वेधलक्षणम् | Vedha charateristics during dawn and dusk | १३ |
| तिथिविशेषे वेधविशेषः । | Tithi and Vedha | १३ |
| कर्मकालव्यापिनीतिथिः युग्मतिथिविचारः | Presence of Tithi during an activity, presence of two tithis | १४ |
| सामान्यतो दशमी | Dashami in general | १४ |
| त्रयोदशी | Trayodashi | १४ |
| कृष्णपक्षे विशेषः | Special aspects about Krishnapaksha | १४ |
| खर्वदर्पलक्षणम् | Characteristics of an imperfect mirror | १४ |
| एकभक्तकालनिर्णयः | १४ | |
| नक्त-प्रदोषयोर्विचारः | Contemplation about Naktam and Pradosha | १५ |
| प्रदोषे निषिद्धपदार्थाः | Forbidden things during Pradosha | १५ |
| सन्ध्यालक्षणम् | Characteristics of Sandhya | १५ |
| यतिनक्तं विधवानक्तं च | Naktam for Yatis (Sanyasis) and Vidhavas (Widows) | १५ |
| विधुरनक्तं तल्लक्षणम् | १५ | |
| सौरनक्तम् | Saura naktam | १५ |
| हरिनक्तम् | Hari naktam | १६ |
| नक्ते धर्माचरणम् | १६ | |
| अयाचितनिर्णयः | Dharmacharana during Naktam | १६ |
| नक्षत्रव्रतकालनिर्णयः | १६ | |
| व्रतपरिभाषा | Vrata Paribhasha | १६ |
| उपवासाधिकारिनिर्णयः | Determining Adhikari for Upavasa | १६ |
| शूद्रवैश्यवर्णधर्माः | Dharmas (for Upavasa) for Shudras and Vaishyas | १६ |
| स्त्रीणामनुज्ञैव | For women anujna (agreement by husband) | १६ |
| स्त्रीणां स्नानविशेषः | Significance of Snana for women (bathing) | १६ |
| व्रतसंकल्पस्तदारम्भकालश्च | Vrata samkalpa and the start time of a vrata | १७ |
| भद्रानिर्णयः | Bhadra Nirnaya | १७ |
| भद्रापुच्छनिर्णयः | १७ | |
| भद्रा सर्पिणी वृश्चिकी च | १७ | |
| दिनभद्रा रात्रिभद्रा | १७ | |
| व्रतारम्भे विशेषः | १७ | |
| खण्डतिथिलक्षणम् | १७ | |
| व्रतारम्भे धर्माः | १७ | |
| व्रतस्थधर्माः | १८ | |
| व्रते ब्राह्मणभोजनम् । | १८ | |
| सहस्रभोजने विशेषः | १८ | |
| द्वित्रियजमानकर्तृके | १८ | |
| शूद्रस्य विप्रद्वारा व्याहृतिहोमः | १८ | |
| प्रतिमास्वरूपनिर्णयः | १८ | |
| अनादेशे आज्यद्रव्यम् | १८ | |
| अनादेशे देवता प्रजापतिः | १८ | |
| ग्रहादिपूजायां होमसंख्या | १८ | |
| अनुक्तसंख्यायां निर्णयः | १८ | |
| व्रतोद्यापनानुक्तौ | १८ | |
| व्रतोद्यापनाशक्तौ | १८ | |
| वृथा विप्रवचनग्रहणे | १९ | |
| दक्षिणानिर्णयः | १९ | |
| रजतदक्षिणानिषेधः | १९ | |
| परान्नभोजननिषेधः | १९ | |
| क्षारपदार्थ निषेधः | १९ | |
| क्षारा हविप्यगणश्च | १९ | |
| गोधूमप्रतिप्रसवः | १९ | |
| व्रते ग्राह्यधान्यानि | १९ | |
| कूष्माण्डादिनिषेधः | १९ | |
| गृहीतव्रतत्यागे प्रत्यवायः | १९ | |
| उपवासप्रत्याम्नायाः | १९ | |
| व्रते नियमाः | २० | |
| स्त्रीव्रते विशेषनिर्णयः | २० | |
| विधवाया विशेषः | २० | |
| एकादश्यां ताम्बूल निषेधः | २० | |
| अश्रुपातादिनिषेधः | २० | |
| सूतकादौ व्रतनिर्णयः | २० | |
| क्षतजाशौचे निर्णयः | २० | |
| जाताशौचे निर्णयः | २० | |
| मृताशौचे निर्णयः | २० | |
| गर्भिण्यादीनां व्रतं प्रतिनिषेधः | २१ | |
| पूर्वसंकल्पितव्रते रजस्वलासु प्रतिनिधयः | २१ | |
| स्त्रीशूद्रयोर्व्रतादौ निषेधः | २१ | |
| ब्राह्मणस्य हीनवर्णकर्मकरणे निषेधः | २१ | |
| कुत्रचित्प्रतिनिधिनिषेधः | २२ | |
| व्रतादिसंनिपाते निर्णयः | २२ | |
| शिवरात्रौ प्रातः पारणम् | २२ | |
| भूताष्टम्यादौ दिवाभोजन निषेधः | २२ | |
| संक्रान्त्यादौरात्रिभोजननिषेधः | २२ | |
| चान्द्रायणे एकादश्यां भोजनं कार्यम् | २२ | |
| प्रतिपन्निर्णयः | २३ | |
| प्रतिपदादिषु वर्ज्यानि | २३ | |
| द्वितीयानिर्णयः | २३ | |
| तृतीयानिर्णयः | २३ | |
| चतुर्थीनिर्णयः | २३ | |
| संकष्टीनिर्णयः | २४ | |
| पञ्चमीनिर्णयः | २४ | |
| षष्ठीनिर्णयः | २४ | |
| सप्तम्यष्टमी निर्णयस्तत्रबुधाष्टमी | २५ | |
| नवमीदशमीनिर्णयः | २५ | |
| एकादशीनिर्णयः | २५ | |
| एकादश्युपवासाधिकारिणः | २५ | |
| एकादशी नित्यकाम्योपवासनिषेधे फलाहाराभ्यनुज्ञानिर्णयः | २६ | |
| दशमीवेधेऽरुणोदयनिर्णयः | २७ | |
| एकादशीव्रतोपयुक्तधर्माः | ३२ | |
| एकादशीव्रतेऽधिकारिणः | ३२ | |
| एकादशीव्रताशक्तौ | ३२ | |
| एकादशीव्रताकरणे प्रायश्चित्तम् | ३२ | |
| काम्यव्रतविधिः | ३२ | |
| दशमीनियमः | ३२ | |
| व्रतघ्नानि तत्र प्रायश्चित्तम् | ३२ | |
| एकादश्यां श्राद्धप्राप्तौ तन्निर्ण | ३३ | |
| अव्रतघ्नानि | ३३ | |
| सर्वव्रतेषु नियमः | ३३ | |
| एकादशीव्रतसंकल्पादिनिर्देशः | ३३ | |
| द्वादश्यां व्रतनिवेदनमन्त्रः | ३४ | |
| द्वादश्यां वर्ज्यपदार्थाः | ३४ | |
| आशौचे द्वादशीव्रतम् | ३४ | |
| रजस्वलाया एकादशी | ३४ | |
| अष्टौ महाद्वादश्यः | ३५ | |
| आह्निकापकर्षः | ३५ | |
| प्रदोषादिसंकटे निर्णयः | ३५ | |
| हरिवासरलक्षणम् | ३५ | |
| उपवासातिक्रमे | ३५ | |
| द्वादशीनिर्णयः | ३६ | |
| त्रयोदशीनिर्णयः | ३६ | |
| प्रदोषव्रतं (टिप्पण्याम् ) | ३६ | |
| चतुर्दशीनिर्णयः | ३६ | |
| पूर्णिमामावास्यानिर्णयः | ३६ | |
| अमायां योगविशेषः | ३६ | |
| संयोगलक्षणो व्यतीपातः | ३६ | |
| इष्टिकालनिर्णयः | ३७ | |
| पूर्णमास्यां विशेषः | ३७ | |
| मलमासादौ प्रथमारम्भनिर्ण | ३८ | |
| विकृतीष्टिः | ३८ | |
| पशुसोमयागकाल: | ३९ | |
| आधानकालः | ३९ | |
| आधाननक्षत्राणि | ३९ | |
| अमावास्यायां श्राद्धनिर्णयः | ४० | |
| पिण्डपितृयज्ञनिर्णयः | ४१ | |
| पिण्डपितृयज्ञाकरणेप्रायश्चित्तं | ४२ | |
| वैश्वदेवाकरणे प्रायश्चित्तम् | ४२ | |
| पतितान्नभोजने प्रायश्चित्तम् | ४२ | |
| निरग्निकस्यामानिर्णयः | ४२ | |
| साग्निकस्यामानिर्णयः | ४२ | |
| अनुपनीतानां शूद्राणां चामश्राद्धानि | ४३ | |
| सिनीवालीलक्षणम् | ४३ | |
| कुहूलक्षणम् | ४३ | |
| कुतुपकाललक्षणम् | ४३ | |
| दर्शश्राद्धेऽन्यश्राद्धसंपाते निर्णयः | ४३ | |
| अमाश्राद्धातिक्रमे प्रायश्चित्तं | ४४ | |
| ग्रहणनिर्णयः | ४४ | |
| वेधनिर्णयः | ४४ | |
| चन्द्रग्रहणे विशेषः | ४४ | |
| चन्द्रग्रस्तोदये | ४४ | |
| चन्द्रसूर्यग्रस्तास्ते | ४४ | |
| ग्रहणे सन्ध्याहोमादौ | ४५ | |
| बालवृद्धातुराणाम् | ४५ | |
| शृतान्ननिषेधः | ४५ | |
| तक्रघृतपाचितानां निर्णयः | ४५ | |
| वेधे ग्रहणे वा भोजने प्रायः | ४५ | |
| ग्रहणकाले भोजने प्रायश्चित्तम् | ४५ | |
| उपवासो ग्रहणे कैः कार्य: | ४५ | |
| पुत्रवत उपवासनिषेधः | ४५ | |
| ग्रहणे चूडामणियोगे | ४६ | |
| स्नानादिकालनिर्णयः | ४६ | |
| मुक्तिस्नानाकरणे | ४६ | |
| ग्रहणस्नाने तीर्थादौ विशेषः | ४६ | |
| उष्णोदकस्नाने तारतम्यम् | ४६ | |
| तीर्थविशेषे दान विशेषः | ४७ | |
| ग्रहणे श्राद्धविधिः | ४७ | |
| ग्रहणे श्राद्धभोजने दोषः | ४७ | |
| सूतके ग्रहणे च कर्तव्यविशेष: | ४७ | |
| रजस्वलास्नानम् | ४८ | |
| ग्रहणे रात्रावपि श्राद्धविधिः | ४८ | |
| चन्द्रग्रहणं दिवा चेत् | ४८ | |
| ग्रहणदिने प्रतिसांवत्सरिक श्राद्धप्राप्तौ तन्निर्णयः | ४८ | |
| . ग्रहणे मन्त्रादिग्रहणप्रकारः | ४८ | |
| जन्मराश्यादौ ग्रहणं न शुभम् | ४९ | |
| ग्रहणे इष्टानिष्टफलम् | ४९ | |
| तत्परिहारार्थं दानादि | ४९ | |
| नागबिम्बदाने मन्त्रः | ४९ | |
| ग्रहणशान्तिः | ४९ | |
| गर्भिण्या ग्रहणावलोकननिषेधः | ५० | |
| मङ्गलकृत्येषु विशेषो वेधः | ५० | |
| मन्त्रदीक्षाहोमतर्पणम् | ५१ | |
| कुरुक्षेत्रे प्रतिग्रहे प्रायश्चित्तम् | ५१ | |
| पूर्वसंकल्पितद्रव्योपग्रहणे विशेषः | ५१ | |
| मतान्तरखण्डनम् | ५१ | |
| मेघाच्छादने अन्धादीनाम् | ५३ | |
| अथ समुद्रस्नानविधिस्तत्कालश्च | ५४ | |
| भौमभृगुवारस्नाननिषेधः | ५४ | |
| अथ पर्वणि स्नानम् | ५४ | |
| समुद्रार्घ्य॑मन्त्रः | ५४ | |
| तत्र तर्पणविधिः | ५४ | |
| एकादशीनिर्णयपट्टः | ५५ |