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== सामाजिक मान्यताएँ ==
 
== सामाजिक मान्यताएँ ==
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उपर्युक्त जीवनदृष्टि के कारण निम्न मान्यताएँ निर्माण होतीं है।
 
उपर्युक्त जीवनदृष्टि के कारण निम्न मान्यताएँ निर्माण होतीं है।
 
४.1 वेद, उपनिषद, भगवद्गीता, रामायण, महाभारत जैसे भारतीय और सर्वे भवन्तु सुखिन: के अनुकूल अन्य भारतीय और अभारतीय विचार भी स्वीकारार्ह हैं।
 
४.1 वेद, उपनिषद, भगवद्गीता, रामायण, महाभारत जैसे भारतीय और सर्वे भवन्तु सुखिन: के अनुकूल अन्य भारतीय और अभारतीय विचार भी स्वीकारार्ह हैं।
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४.२९ सभी को अभ्युदय और नि:श्रेयस की प्राप्ति के लिए समान अवसर प्राप्त हों। संस्कृति और समृद्धि दोनों महत्वपूर्ण हैं। समृद्धि के बिना संस्कृति टिक नहीं सकती। और संस्कृति के बिना समृद्धि आसुरी बन जाती है।
 
४.२९ सभी को अभ्युदय और नि:श्रेयस की प्राप्ति के लिए समान अवसर प्राप्त हों। संस्कृति और समृद्धि दोनों महत्वपूर्ण हैं। समृद्धि के बिना संस्कृति टिक नहीं सकती। और संस्कृति के बिना समृद्धि आसुरी बन जाती है।
 
४.३० प्रत्येक की संभाव्य क्षमताओं का पूर्ण विकास हो। स्त्री के स्त्रीत्व और पुरूष के पुरूषत्व का पूर्ण विकास हो।  
 
४.३० प्रत्येक की संभाव्य क्षमताओं का पूर्ण विकास हो। स्त्री के स्त्रीत्व और पुरूष के पुरूषत्व का पूर्ण विकास हो।  
४.३१ प्रत्येक की उचित और न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति होनी चाहिये।  
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४.३१ प्रत्येक की उचित और न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति होनी चाहिये।
    
== सम्यक् विकास के सूत्र ==
 
== सम्यक् विकास के सूत्र ==
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