# अपनी जीवनदृष्टि के अनुसार जीने के लिये तथा लोगों के योगक्षेम के लिये समाज अपनी कुछ व्यवस्थाएँ, संस्थाएँ और प्रक्रियाएँ विकसित करता है। यह व्यवस्थाएँ मोटे तौरपर तीन उद्देष्यों के लिये होती हैं। रक्षण, पोषण और शिक्षण। | # अपनी जीवनदृष्टि के अनुसार जीने के लिये तथा लोगों के योगक्षेम के लिये समाज अपनी कुछ व्यवस्थाएँ, संस्थाएँ और प्रक्रियाएँ विकसित करता है। यह व्यवस्थाएँ मोटे तौरपर तीन उद्देष्यों के लिये होती हैं। रक्षण, पोषण और शिक्षण। |