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| # नदी-जल विवाद | | # नदी-जल विवाद |
| # विदेशियों की घूसखोरी | | # विदेशियों की घूसखोरी |
− | ४५ विदेशी शक्तियों का व्यापक समर्थन ४६ राष्ट्रीय हीनताबोध ४७ विदेशी शक्तियों के भौगोलिक प्रभाव क्षेत्र निर्माण ४८ वैश्विक शक्तियों के दबाव (वैश्विकरण) ४९ अस्वच्छता ५० स्त्रियोंपर अत्याचार ५१ अयोग्यों को अधिकार ५२ सांस्कृतिक प्रदूषण ५४ भ्रष्टाचार (धर्म, शिक्षा, शासन ऐसे सभी क्षेत्रों में) ५५ लव्ह जिहाद ५६ असहिष्णू मजहबों को विशेष अधिकार ५७ सामाजिक विद्वेष ५८ जातियों में वैमनस्य ५९ सृष्टि का शोषण ६० वैचारिक प्रदूषण ६१ दूरदर्शन का दुरूपयोग ६२ आंतरजाल का दुरूपयोग ६३ मजहबी मूलतत्ववाद ६४ तालाबीकरण के स्थानपर बडे बांध/खेत तालाब ६५ हानिकारक तंत्रज्ञानों की मुक्त उपलब्धता ६६ बेरोजगारी ६७ उपभोक्तावाद ६८ बालमृत्यू ६९ कुपोषण ७० स्त्रियों का पुरूषीकरण / बढती नपुंसकता ७१ भुखमरी ७२ भ्रूणहत्या ७३ स्त्री-भ्रूणहत्या ७४ तनाव ७५ जिद्दी बच्चे ७६ घटता पौरूष - घटता स्त्रीत्व ७७ बढती घरेलू हिंसा ७८ झूठे विज्ञापन ७९ घटता संवाद ८० देशी भाषाओं का नाश ८१ बालक-युवाओं की आत्महत्याएँ ८२ बढते दुर्धर रोग ८३ असंगठित सज्जन ८४ उपभोक्तावाद ८५ बढती अश्लीलता ८६ अणू, प्लॅस्टिक जैसे बढते लाजबाब कचरे ८७ बढती शहरी आबादी-उजडते गाँव ८८ तंत्रज्ञानों का दुरूपयोग ८९ बदले आदर्श - अभिनेता, क्रिकेट खिलाडी ९० लोकशिक्षा का अभाव ९१ बूढा समाज ९२ राष्ट्र की घटती भौगोलिक सीमाएँ ९३ भ्रूणहत्या को कानूनी समर्थन ९४ जीवन की असहनीय गति संयुक्त कुटुंबों से हल होनेवाली समस्याओं की सूचि १ पगढ़ीलापन २ उपभोक्तावाद ३ गोवंश नाश ४ टूटते पारिवारिक उद्योग ५ गलाकाट स्पर्धा ६ अधिकार रक्षा के लिये संगठन ७ जातिव्यवस्था नाश की हानियाँ ८ संपर्क भाषा ९ नौकरों का समाज १० जन, धन, उत्पादन और सत्ता का केंद्रीकरण ११ मँहंगाई १२ परिवार भी बाजार भावना से चलना १३ किसानों की आत्महत्याएँ १४ आरक्षण की चौमुखी बढती माँग १५ संस्कारहीनता १६ स्वैराचार १७ व्यक्तिकेंद्रिता(स्वार्थ) १८ जातिभेद १९ शिशू-संगोपन गृह २० अनाथाश्रम २१ विधवाश्रम २२ अपंगाश्रम २३ बाल सुधार गृह २४ वृध्दाश्रम २५ श्रध्दाहीनता २६ अपराधीकरण २७ व्यसनाधीनता २९ असामाजिकीकरण ३० प्रज्ञा पलायन ३१ प्रादेशिक अस्मिताएँ ३२ नदी-जल विवाद ३३ अस्वच्छता ३४ स्त्रियोंपर अत्याचार ३५ सांस्कृतिक प्रदूषण ३६ लव्ह जिहाद ३७ सामाजिक विद्वेष ३८ जातियों में वैमनस्य ३९ जिद्दी बच्चे ४० वैचारिक प्रदूषण ४१ दूरदर्शन का दुरूपयोग ४२ आंतरजाल का दुरूपयोग ४३ बालमृत्यू ४४ कुपोषण ४५ भुखमरी ४६ सृष्टि का शोषण ४४ हानिकारक तंत्रज्ञानों की मुक्त उपलब्धता ४५ बेरोजगारी ४९ भ्रूणहत्या ५० स्त्री-भ्रूणहत्या ५१ तनाव ५२ उपभोक्तावाद ५३ घटता पौरूष - घटता स्त्रीत्व ५४ घटता संवाद ५५ बढती घरेलू हिंसा ५६ बालक-युवाओं की आत्महत्याएँ ५७ बढते दुर्धर रोग ५८ ग्राम के तालाबीकरण के स्थानपर बडे बांध/खेत तालाब ५९ बढती अश्लीलता ६० अणू, प्लॅस्टिक जैसे बढते लाजबाब कचरे ६१ बढती शहरी आबादी-उजडते गाँव ६२ तंत्रज्ञानों का दुरूपयोग ६३ बदले आदर्श - अभिनेता, क्रिकेट खिलाडी ६४ लोकशिक्षा का अभाव
| + | # विदेशी शक्तियों का व्यापक समर्थन |
| + | # राष्ट्रीय हीनताबोध |
| + | # विदेशी शक्तियों के भौगोलिक प्रभाव क्षेत्र निर्माण |
| + | # वैश्विक शक्तियों के दबाव (वैश्विकरण) |
| + | # अस्वच्छता |
| + | # स्त्रियों पर अत्याचार |
| + | # अयोग्यों को अधिकार |
| + | # सांस्कृतिक प्रदूषण |
| + | # भ्रष्टाचार (धर्म, शिक्षा, शासन ऐसे सभी क्षेत्रों में) |
| + | # लव्ह जिहाद |
| + | # असहिष्णू मजहबों को विशेष अधिकार |
| + | # सामाजिक विद्वेष |
| + | # जातियों में वैमनस्य |
| + | # सृष्टि का शोषण |
| + | # वैचारिक प्रदूषण |
| + | # दूरदर्शन का दुरूपयोग |
| + | # आंतरजाल का दुरूपयोग |
| + | # मजहबी मूलतत्ववाद |
| + | # तालाबीकरण के स्थानपर बडे बांध/खेत तालाब |
| + | # हानिकारक तंत्रज्ञानों की मुक्त उपलब्धता |
| + | # बेरोजगारी |
| + | # उपभोक्तावाद |
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| + | # कुपोषण |
| + | # स्त्रियों का पुरूषीकरण / बढती नपुंसकता |
| + | # भुखमरी |
| + | # भ्रूणहत्या |
| + | # स्त्री-भ्रूणहत्या |
| + | # तनाव |
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| + | # घटता पौरूष - घटता स्त्रीत्व |
| + | # बढती घरेलू हिंसा |
| + | # झूठे विज्ञापन |
| + | # घटता संवाद |
| + | # देशी भाषाओं का नाश |
| + | # बालक-युवाओं की आत्महत्याएँ |
| + | # बढते दुर्धर रोग |
| + | # असंगठित सज्जन |
| + | # उपभोक्तावाद |
| + | # बढती अश्लीलता |
| + | # अणू, प्लॅस्टिक जैसे बढते कचरे |
| + | # बढती शहरी आबादी-उजडते गाँव |
| + | # तंत्रज्ञानों का दुरूपयोग |
| + | # बदले आदर्श - अभिनेता, क्रिकेट खिलाडी |
| + | # लोकशिक्षा का अभाव |
| + | # बूढा समाज |
| + | # राष्ट्र की घटती भौगोलिक सीमाएँ |
| + | # भ्रूणहत्या को कानूनी समर्थन |
| + | # जीवन की असहनीय गति |
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| + | संयुक्त कुटुंबों से हल होनेवाली समस्याओं की सूचि |
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| + | १ पगढ़ीलापन २ उपभोक्तावाद ३ गोवंश नाश ४ टूटते पारिवारिक उद्योग ५ गलाकाट स्पर्धा ६ अधिकार रक्षा के लिये संगठन ७ जातिव्यवस्था नाश की हानियाँ ८ संपर्क भाषा ९ नौकरों का समाज १० जन, धन, उत्पादन और सत्ता का केंद्रीकरण ११ मँहंगाई १२ परिवार भी बाजार भावना से चलना १३ किसानों की आत्महत्याएँ १४ आरक्षण की चौमुखी बढती माँग १५ संस्कारहीनता १६ स्वैराचार १७ व्यक्तिकेंद्रिता(स्वार्थ) १८ जातिभेद १९ शिशू-संगोपन गृह २० अनाथाश्रम २१ विधवाश्रम २२ अपंगाश्रम २३ बाल सुधार गृह २४ वृध्दाश्रम २५ श्रध्दाहीनता २६ अपराधीकरण २७ व्यसनाधीनता २९ असामाजिकीकरण ३० प्रज्ञा पलायन ३१ प्रादेशिक अस्मिताएँ ३२ नदी-जल विवाद ३३ अस्वच्छता ३४ स्त्रियोंपर अत्याचार ३५ सांस्कृतिक प्रदूषण ३६ लव्ह जिहाद ३७ सामाजिक विद्वेष ३८ जातियों में वैमनस्य ३९ जिद्दी बच्चे ४० वैचारिक प्रदूषण ४१ दूरदर्शन का दुरूपयोग ४२ आंतरजाल का दुरूपयोग ४३ बालमृत्यू ४४ कुपोषण ४५ भुखमरी ४६ सृष्टि का शोषण ४४ हानिकारक तंत्रज्ञानों की मुक्त उपलब्धता ४५ बेरोजगारी ४९ भ्रूणहत्या ५० स्त्री-भ्रूणहत्या ५१ तनाव ५२ उपभोक्तावाद ५३ घटता पौरूष - घटता स्त्रीत्व ५४ घटता संवाद ५५ बढती घरेलू हिंसा ५६ बालक-युवाओं की आत्महत्याएँ ५७ बढते दुर्धर रोग ५८ ग्राम के तालाबीकरण के स्थानपर बडे बांध/खेत तालाब ५९ बढती अश्लीलता ६० अणू, प्लॅस्टिक जैसे बढते लाजबाब कचरे ६१ बढती शहरी आबादी-उजडते गाँव ६२ तंत्रज्ञानों का दुरूपयोग ६३ बदले आदर्श - अभिनेता, क्रिकेट खिलाडी ६४ लोकशिक्षा का अभाव |
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