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==परिचय॥ Introduction ==
 
==परिचय॥ Introduction ==
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नीतिविद्या सभी विद्याओं में श्रेष्ठ है। महाभारत, स्मृति तथा पुराणादि में नीतिशास्त्र की अनेकशः प्रशंसा और अनुशंसा की गई है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि ऋषियों, मुनियों, गुरुओं और परम्परागत भारतीय चिन्तकों ने नीतिशास्त्र की मानव-जीवन में विशिष्ट महत्ता स्वीकार की है और इसका उपदेश किया है।<ref>शोधकर्त्री- अनुराधा भारद्वाज, [https://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/21647/3/shukraniti.pdf शुक्रनीति का अनुशीलन], सन २०१२, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, अल्मोडा (पृ० ०१)।</ref>
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नीति शास्त्र दो शब्दों से बना है - एक नीति और दूसरा शास्त्र। शास्त्र शब्द शासु अनुशिष्टौ धातु से बना है जिसका अर्थ है सिखाना, बतलाना, नियन्त्रण करना, दण्ड देना और सलाह देना। शास्त्र वह ग्रन्थ या ज्ञान है जिससे हमको किसी विषय के सम्बन्ध में ऐसी शिक्षा मिले जिसके द्वारा हम जीवन और जगत की वस्तुओं का नियन्त्रण और नियमन कर सकें।  
 
नीति शास्त्र दो शब्दों से बना है - एक नीति और दूसरा शास्त्र। शास्त्र शब्द शासु अनुशिष्टौ धातु से बना है जिसका अर्थ है सिखाना, बतलाना, नियन्त्रण करना, दण्ड देना और सलाह देना। शास्त्र वह ग्रन्थ या ज्ञान है जिससे हमको किसी विषय के सम्बन्ध में ऐसी शिक्षा मिले जिसके द्वारा हम जीवन और जगत की वस्तुओं का नियन्त्रण और नियमन कर सकें।  
  
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