Changes

Jump to navigation Jump to search
m
no edit summary
Line 265: Line 265:     
===वास्तुशास्त्र की आचार्य परम्परा॥ Vastushastra ki Acharya  Parampara===
 
===वास्तुशास्त्र की आचार्य परम्परा॥ Vastushastra ki Acharya  Parampara===
वास्तुशास्त्र की शास्त्रीय परम्परा की प्राचीनता विभिन्न प्राचीन पौराणिक ग्रन्थों में संकलित वास्तुशास्त्र उपदेशकों का नाम प्राप्त होते हैं। मत्स्यपुराण के अनुसार वास्तुशास्त्र के प्रवर्तक अट्ठारह आचार्यों का नामोल्लेख प्राप्त होता है-<blockquote>भृगुरत्रिर्वसिष्ठश्च विश्वकर्मा मयस्तथा। नारदो नग्नजिच्चैव विशालाक्षः पुरन्दरः॥
+
वास्तुशास्त्र की शास्त्रीय परम्परा की प्राचीनता विभिन्न प्राचीन पौराणिक ग्रन्थों में संकलित वास्तुशास्त्र उपदेशकों का नाम प्राप्त होते हैं।<ref>डॉ० उमा शंकर, [https://sanskritarticle.com/wp-content/uploads/24-17-Dr.UmaShankar.pdf वर्तमान जीवन में वास्तुशास्त्र की उपादेयता], सन २०१८, नेशनल जर्नल ऑफ हिन्दी एंड संस्कृत रिसर्च (पृ० ६६)।</ref> मत्स्यपुराण के अनुसार वास्तुशास्त्र के प्रवर्तक अट्ठारह आचार्यों का नामोल्लेख प्राप्त होता है-<blockquote>भृगुरत्रिर्वसिष्ठश्च विश्वकर्मा मयस्तथा। नारदो नग्नजिच्चैव विशालाक्षः पुरन्दरः॥
    
ब्रह्माकुमारो नन्दीशः शौनको गर्ग एव च। वासुदेवोऽनिरुद्धश्च तथा शुक्रबृहस्पती॥
 
ब्रह्माकुमारो नन्दीशः शौनको गर्ग एव च। वासुदेवोऽनिरुद्धश्च तथा शुक्रबृहस्पती॥
1,239

edits

Navigation menu