कारखाने या उद्योग का निर्माण वास्तु के अनुसार रखने पर, लंबे समय तक लाभदायक फल देता है। जिसके फलस्वरूप समय-समय पर आनेवाली कठिनाईयों का शीघ्रताशीघ्र सामाधान हो जाता है। इसके विपरीत जिस कारखाने या उद्योग का निर्माण वास्तु के नियमों का विरूद्ध होता है उसमें नित्य नयी-नयी परेशानियों का सामना होते देखा गया है। अतः किसी भी औद्योगिक परिसर या कल कारखाने के समुचित विकास एवं विस्तार के लिए निर्माण वास्तु के नियमों के अनुसार करना चाहिए।<ref>प्रमोद कुमार सिन्हा, [https://ia800104.us.archive.org/22/items/AIFASBooks/Vyavasayik%20Vastu%20AIFAS.pdf व्यवसायिक वास्तु], सन २०१०, आखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ, नई दिल्ली (पृ० ८१)।</ref> | कारखाने या उद्योग का निर्माण वास्तु के अनुसार रखने पर, लंबे समय तक लाभदायक फल देता है। जिसके फलस्वरूप समय-समय पर आनेवाली कठिनाईयों का शीघ्रताशीघ्र सामाधान हो जाता है। इसके विपरीत जिस कारखाने या उद्योग का निर्माण वास्तु के नियमों का विरूद्ध होता है उसमें नित्य नयी-नयी परेशानियों का सामना होते देखा गया है। अतः किसी भी औद्योगिक परिसर या कल कारखाने के समुचित विकास एवं विस्तार के लिए निर्माण वास्तु के नियमों के अनुसार करना चाहिए।<ref>प्रमोद कुमार सिन्हा, [https://ia800104.us.archive.org/22/items/AIFASBooks/Vyavasayik%20Vastu%20AIFAS.pdf व्यवसायिक वास्तु], सन २०१०, आखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ, नई दिल्ली (पृ० ८१)।</ref> |