इनके मृत्युकाल के विषय में एक वाक्य प्रचलित है - <blockquote>नवाधिकपञ्चशतसंख्यशाके वराहमिहिराचार्यो दिवं गतः।(भारतीय ज्योतिष)<ref name=":1">शिवनाथ झारखण्डी, [https://archive.org/details/BharatiyaJyotishShivnathJharkhandi/page/n323/mode/1up भारतीय ज्योतिष] , सन् १९५७, राजर्षि पुरुषोत्तम टण्डन हिन्दी भवन, लखनऊ (पृ० २९०)।</ref></blockquote> | इनके मृत्युकाल के विषय में एक वाक्य प्रचलित है - <blockquote>नवाधिकपञ्चशतसंख्यशाके वराहमिहिराचार्यो दिवं गतः।(भारतीय ज्योतिष)<ref name=":1">शिवनाथ झारखण्डी, [https://archive.org/details/BharatiyaJyotishShivnathJharkhandi/page/n323/mode/1up भारतीय ज्योतिष] , सन् १९५७, राजर्षि पुरुषोत्तम टण्डन हिन्दी भवन, लखनऊ (पृ० २९०)।</ref></blockquote> |