Changes

Jump to navigation Jump to search
सुधार जारी
Line 184: Line 184:     
==महापुराणों में वर्ण्यविषय==
 
==महापुराणों में वर्ण्यविषय==
समस्त रूप से पुराणों में प्रतिपादित विषय-वस्तु का निर्देश इस प्रकार किया जा सकता है -  
+
समस्त रूप से पुराणों में प्रतिपादित विषय-वस्तु का निर्देश इस प्रकार किया जा सकता है -<ref>डॉ० कपिलदेव द्विवेदी, [https://archive.org/details/sanskrit-sahitya-ka-samikshatmak-itihas-dr-kapildeva-dwivedi_compress/page/n110/mode/1up संस्कृत साहित्य का समीक्षात्मक इतिहास], सन् २०१७, विश्वभारती अनुसंधान परिषद, भदोही (पृ० ९५)। </ref>
    
#'''धार्मिक सामग्री''' - देवी देवता या देवी की उपासना का विधान बताकर उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति पुराणों में बल दिया गया है। जिस देवता की भक्ति का विधान है उसे ही श्रेष्ठ कहकर अन्य देवताओं को गौण भी बताया गया है।
 
#'''धार्मिक सामग्री''' - देवी देवता या देवी की उपासना का विधान बताकर उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति पुराणों में बल दिया गया है। जिस देवता की भक्ति का विधान है उसे ही श्रेष्ठ कहकर अन्य देवताओं को गौण भी बताया गया है।
928

edits

Navigation menu