विश्व में ऐसा कोई नगर नहीं है जो काशी(वाराणसी) से बढकर प्राचीनता, निरन्तरता एवं मोहक आदर का पात्र हो। शताब्दियों से इस नगर के कई नाम प्रचलित रहे हैं जैसे-वाराणसी, काशी, अविमुक्त, आनन्दकानन श्मशान या महाश्मशान आदि। <blockquote>येन काशी दृढी ध्याता येन काशीः सेविता।तेनाहं हृदि संध्यातस्तेनाहं सेवितः सदा॥ काशी यः सेवते जन्तु निर्विकल्पेन चेतसा। तमहं हृदये नित्यं धारयामि प्रयत्नतः ॥ (काशी खण्ड )</blockquote>विश्वनाथ जी कहते हैं की जो मनुष्य हृदय में काशी का ध्यान करता है साथ ही जो मनुष्य निर्विकल्प चित से काशी का स्मरण करता है , समझना चाहिए कि उसने मेरा हृदय में ध्यान कर लिया , उससे मैं सदा सेवित रहता हूं तथा मैं नित्य उसे प्रयत्न पूर्वक अपने हृदय में धारण करता हूं । | विश्व में ऐसा कोई नगर नहीं है जो काशी(वाराणसी) से बढकर प्राचीनता, निरन्तरता एवं मोहक आदर का पात्र हो। शताब्दियों से इस नगर के कई नाम प्रचलित रहे हैं जैसे-वाराणसी, काशी, अविमुक्त, आनन्दकानन श्मशान या महाश्मशान आदि। <blockquote>येन काशी दृढी ध्याता येन काशीः सेविता।तेनाहं हृदि संध्यातस्तेनाहं सेवितः सदा॥ काशी यः सेवते जन्तु निर्विकल्पेन चेतसा। तमहं हृदये नित्यं धारयामि प्रयत्नतः ॥ (काशी खण्ड )</blockquote>विश्वनाथ जी कहते हैं की जो मनुष्य हृदय में काशी का ध्यान करता है साथ ही जो मनुष्य निर्विकल्प चित से काशी का स्मरण करता है , समझना चाहिए कि उसने मेरा हृदय में ध्यान कर लिया , उससे मैं सदा सेवित रहता हूं तथा मैं नित्य उसे प्रयत्न पूर्वक अपने हृदय में धारण करता हूं । |