यास्कानुसार काल वह शक्ति है जो सबको गति देती है। संसार में गति अथवा कर्म का मूलाधार काल ही है क्योंकि कोई भी गति या कर्म किसी काल में ही किया जाता है, चाहे वह सूक्ष्म हो या व्यापक हो। वस्तुतः ज्योतिषशास्त्र काल विधायक शास्त्र है, इसका मुख्य आधार ही कालगणना है। जन्मकुण्डली निर्माण से लेकर मुहूर्त शोधन व समष्टि गत शुभाशुभ का विचार तक इसी काल के सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं स्थूल दोनों रूपों द्वारा होता है अर्थात् सर्वत्र काल गणना ही आधार है। | यास्कानुसार काल वह शक्ति है जो सबको गति देती है। संसार में गति अथवा कर्म का मूलाधार काल ही है क्योंकि कोई भी गति या कर्म किसी काल में ही किया जाता है, चाहे वह सूक्ष्म हो या व्यापक हो। वस्तुतः ज्योतिषशास्त्र काल विधायक शास्त्र है, इसका मुख्य आधार ही कालगणना है। जन्मकुण्डली निर्माण से लेकर मुहूर्त शोधन व समष्टि गत शुभाशुभ का विचार तक इसी काल के सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं स्थूल दोनों रूपों द्वारा होता है अर्थात् सर्वत्र काल गणना ही आधार है। |