− | वस्तुतः वर्ष का तात्पर्य सौर वर्ष से है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ज्योतिष शास्त्र में हम जब भी वर्ष, मास और दिन की चर्चा करेंगे तो वहां सामान्य रूप से वर्षसे तात्पर्य सौर वर्ष से तथा मास का तात्पर्य चान्द्रमास से व दिन से तात्पर्य सावन दिन से होता है फिर भी हम वर्ष को निम्न चार स्वरूपों में समझ सकते हैं- | + | वस्तुतः वर्ष का तात्पर्य सौर वर्ष से है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ज्योतिष शास्त्र में हम जब भी वर्ष, मास और दिन की चर्चा करेंगे तो वहां सामान्य रूप से वर्षसे तात्पर्य सौर वर्ष से तथा मास का तात्पर्य चान्द्रमास से व दिन से तात्पर्य सावन दिन से होता है फिर भी हम वर्ष को निम्न चार स्वरूपों में समझ सकते हैं- सौरवर्ष, चान्द्रवर्ष, सावनवर्ष, बार्हस्पत्य वर्ष। |