Changes

Jump to navigation Jump to search
no edit summary
Line 5: Line 5:  
*आचार्य ब्रह्मगुप्तका ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त भी अत्यन्त प्रसिद्ध है।
 
*आचार्य ब्रह्मगुप्तका ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त भी अत्यन्त प्रसिद्ध है।
 
प्रायः आर्यभट्ट एवं ब्रह्मगुप्तके सिद्धान्तोंको आधार बनाकर सिद्धान्त ज्योतिषके क्षेत्रमें पर्याप्त ग्रन्थ रचना हुई। पाटी(अंक) गणितमें लीलावती(भास्कराचार्य) एवं बीजगणितमें चापीयत्रिकोणगणितम् (नीलाम्बरदैवज्ञ) प्रमुख हैं।
 
प्रायः आर्यभट्ट एवं ब्रह्मगुप्तके सिद्धान्तोंको आधार बनाकर सिद्धान्त ज्योतिषके क्षेत्रमें पर्याप्त ग्रन्थ रचना हुई। पाटी(अंक) गणितमें लीलावती(भास्कराचार्य) एवं बीजगणितमें चापीयत्रिकोणगणितम् (नीलाम्बरदैवज्ञ) प्रमुख हैं।
 +
 +
== परिचय ==
 +
 +
== परिभाषा ==
 +
 +
== सिद्धान्त स्कन्ध के प्रमुख ग्रन्थ ==
 +
वराहमिहिर- पञ्चसिद्धान्तिका
 +
 +
आर्यभट्ट- आर्यभट्टीयम्
 +
 +
ब्रह्मगुप्त- ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त एवं खण्डखाद्यक
 +
 +
लल्ल- शिष्यधीवृद्धिदम्
 +
 +
श्रीपति- सिद्धान्तशेखर
 +
 +
भास्कराचार्य-सिद्धान्तशिरोमणि
 +
 +
मुनीश्वर- सिद्धान्तसार्वभौम
 +
 +
कमलाकर-
 +
 +
== उद्धरण ==
1,239

edits

Navigation menu