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== होरा स्कन्ध का वर्ण्य विषय ==
 
== होरा स्कन्ध का वर्ण्य विषय ==
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सूर्य, पितामह, वसिष्ठ, अत्रि, पराशर आदि के ज्योतिष-शास्त्रीय वचनों को प्रसंगवशात व्यास जी ने विभिन्न पुराणों में यत्र-तत्र उपस्थापित किया। यही कारण है कि मत्स्यपुराण, अग्निपुराण, ब्रह्मवैवर्तपुराण, स्कन्दपुराण, गरुड पुराण, वायु पुराण, नारद पुराण आदि में फलित ज्योतिष के सिद्धान्त अत्यधिक मात्रा में मिलते हैं। इन पुराणों के अतिरिक्त कुछ संहिता-ग्रन्थ जैसे- नारद संहिता, गर्गसंहिता, लोमशसंहिता, शिवसंहिता आदि भी मिलते हैं, जिनमें ज्योतिष के गंभीर विषयों का वर्णन है।
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फलित ज्योतिष के कुछ प्रमुख ग्रन्थ-
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# जैमिनिसूत्र
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# बृहज्जातक
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# लघुजातक
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# दैवज्ञवल्लभा
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# सारावली
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# षट्पञ्चाशिका
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# फलदीपिका
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# केशवीय जातक पद्धति
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# जातकालंकार
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# ताजिक नीलकण्ठी
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# सर्वार्थ चिन्तामणि
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# होरारत्नम्
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# जातकपरिजात
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# उत्तरकालामृतम्
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# जातकतत्त्व
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# प्रश्नमार्ग
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# ताजिकनीलकण्ठी
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# मानसागरी
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# चमत्कार चिन्तामणि
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# प्रश्नमार्ग
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# देवकेरलम्
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# कृष्णीयम्
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# शम्भुहोराप्रकाश आदि
    
== होरा स्कन्ध की समाज में उपयोगिता ==
 
== होरा स्कन्ध की समाज में उपयोगिता ==
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