स्नान करने से पूर्व और मुख धोने के बाद भारतीय जीवन पद्धति में तैलाभ्यङ्ग, उबटन, मालिश या स्नेहन की व्यवस्था बतलायी गयी है। यह व्यवस्था बाल्यकाल से ही चलने लगती है। इस तरह से भारतवर्ष मे व्यायाम ओर शारीरिक सफाई से पूर्वं अभ्यङ्ग की व्यवस्था प्राचीन-काल से चली आ रही है। तेलाभ्यङ्ग से मनुष्य की हड्डियाँ मजबूत और त्वचा चमकीली, सुन्दर हो जाती है। वातज रोगों से बचाव होता है तथा शरीर श्रम सहने में सक्षम हो जाता है।
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=== क्षौर॥ Kshaura ===
=== स्नान॥ Snana ===
=== स्नान॥ Snana ===
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=== योगसाधना॥ yoga sadhana ===
=== योगसाधना॥ yoga sadhana ===
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योग साधना और उसका प्रतिदिवसीय अभ्यास मनुष्य को शारीरिक-मानसिक-आध्यात्मिक प्रबलता के लिए अवश्य करना चाहिए। योगसाधना ध्यान-प्राणायाम प्रधान है। जबकि योगाभ्यास हठयोग, मुद्रा और क्रिया प्रधान हे। योग में इन दोनों का समन्वय रहता हे।