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===राष्ट्रीय सम्वत्===
 
===राष्ट्रीय सम्वत्===
 
भारतमें केन्द्र सरकारके निर्णयके अनुसार २२ मार्च १९५७ से शक सम्वत् को राष्ट्रीय सम्वत् घोषित कर दिया गया है। यह प्रतिवर्ष २२ मार्चसे प्रारम्भ होता है।
 
भारतमें केन्द्र सरकारके निर्णयके अनुसार २२ मार्च १९५७ से शक सम्वत् को राष्ट्रीय सम्वत् घोषित कर दिया गया है। यह प्रतिवर्ष २२ मार्चसे प्रारम्भ होता है।
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=== युधिष्ठिर संवत् ===
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आसन् मघासु मुनयः शासति पृथ्वीं युधिष्ठिरे नृपतौ। षड्द्विपञ्चद्वि (२५२६) युतः शककालस्तस्य राज्ञश्च॥
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युधिष्ठिर के राज्यमें आसीन होने के समय से युधिष्ठिर संवत् का प्रारंभ हुआ।
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===विक्रम सम्वत्===
 
===विक्रम सम्वत्===
 
यह सम्वत् उज्जयिनीके सम्राट् विक्रमादित्यने चलाया था। यह प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदासे प्रारंभ होता है। इसमें दिन, वार और तिथिका प्रारम्भ सूर्योदयसे माना जाता है।
 
यह सम्वत् उज्जयिनीके सम्राट् विक्रमादित्यने चलाया था। यह प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदासे प्रारंभ होता है। इसमें दिन, वार और तिथिका प्रारम्भ सूर्योदयसे माना जाता है।
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===इस्लामी हिजरी सन्===
 
===इस्लामी हिजरी सन्===
 
इसकी उत्पत्ति अरब देश में हुई थी। भारतमें इसका प्रचार मुसलमानी राज्यकालसे हुआ है। हिजरत का अर्थ है संकट में देशत्याग। पैगम्बर मुहम्मद साहब १५ जुलाई सन् ६२२ ई०तदनुसार शाके ५४४ श्रावण शुक्ल, गुरुवारकी रात्रि (मुसलमानोंकी शुक्रवारकी रात)- को अपने वतन मक्काको छोडकर मदीना चले गये थे। पैगम्बर साहबके हिजरतकी यह घटना ही इस सन् का आरम्भ काल है। इसीलिये इसे हिजरी सन् कहते हैं। इसमें चान्द्रवर्ष ३५४ या ३५५ दिन का होता है। इसमें अधिकमास नहीं होता। महीनेका आरम्भ शुक्लपक्षकी प्रतिपदा या द्वितीयाके चन्द्रदर्शनके बाद होता है। महीने के दिनों को पहला चाँद, दूसरा चाँद आदि कहते हैं। एक मास में २९या ३० चाँद दिन होते हैं। इसमें वार और तारीखका प्रारम्भ सूर्यास्तसे होता है। मुहर्रम महीनेसे जिलहिजतक १२ महीने होते हैं।
 
इसकी उत्पत्ति अरब देश में हुई थी। भारतमें इसका प्रचार मुसलमानी राज्यकालसे हुआ है। हिजरत का अर्थ है संकट में देशत्याग। पैगम्बर मुहम्मद साहब १५ जुलाई सन् ६२२ ई०तदनुसार शाके ५४४ श्रावण शुक्ल, गुरुवारकी रात्रि (मुसलमानोंकी शुक्रवारकी रात)- को अपने वतन मक्काको छोडकर मदीना चले गये थे। पैगम्बर साहबके हिजरतकी यह घटना ही इस सन् का आरम्भ काल है। इसीलिये इसे हिजरी सन् कहते हैं। इसमें चान्द्रवर्ष ३५४ या ३५५ दिन का होता है। इसमें अधिकमास नहीं होता। महीनेका आरम्भ शुक्लपक्षकी प्रतिपदा या द्वितीयाके चन्द्रदर्शनके बाद होता है। महीने के दिनों को पहला चाँद, दूसरा चाँद आदि कहते हैं। एक मास में २९या ३० चाँद दिन होते हैं। इसमें वार और तारीखका प्रारम्भ सूर्यास्तसे होता है। मुहर्रम महीनेसे जिलहिजतक १२ महीने होते हैं।
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== ऐतिहासिक संवत् ==
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==शालीवाहन शक एवं विक्रम संवत्==
 
==शालीवाहन शक एवं विक्रम संवत्==
 
भारत में विक्रम संवत् तथा शालीवाहन शक का विशेष प्रचार है। विक्रमादित्य राजा ने विक्रम संवत् का प्रारम्भ किया और शालीवाहन ने शक का प्रारंभ किया। इस समय विक्रम संवत् २०७९ तथा शक संवत् १९४४ है। शक से संवत् १३५ वर्ष पुराना है। व्यापारियों का विक्रम संवत् दीपावली से प्रारंभ होता है एवं दक्षिण भारत में भी प्रायः विक्रम संवत् कार्तिक से प्रारंभ होता है और शेष भारत में प्रायः चैत्र से विक्रम संवत् का प्रारंभ होता है।शक का प्रारंभ सभी जगह चैत्र से ही होता है।
 
भारत में विक्रम संवत् तथा शालीवाहन शक का विशेष प्रचार है। विक्रमादित्य राजा ने विक्रम संवत् का प्रारम्भ किया और शालीवाहन ने शक का प्रारंभ किया। इस समय विक्रम संवत् २०७९ तथा शक संवत् १९४४ है। शक से संवत् १३५ वर्ष पुराना है। व्यापारियों का विक्रम संवत् दीपावली से प्रारंभ होता है एवं दक्षिण भारत में भी प्रायः विक्रम संवत् कार्तिक से प्रारंभ होता है और शेष भारत में प्रायः चैत्र से विक्रम संवत् का प्रारंभ होता है।शक का प्रारंभ सभी जगह चैत्र से ही होता है।
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