Line 1: |
Line 1: |
| + | == परिचयः ॥ Introduction == |
| + | • सन्धि - डुधाञ् धारणपोषणयोः (to support, to nourish, to protect) |
| + | |
| + | • सन्धि - सम् + डुधाञ् + किः (क् + इ + :) |
| + | |
| + | • सय्ँयोगे, सङ्घट्टने - to develop friendship |
| + | |
| + | • व्याकरणोक्ते वर्णद्वयजाते |
| + | |
| + | • वर्णविकारभेदे |
| + | |
| == अच्-सन्धिः == | | == अच्-सन्धिः == |
| | | |
Line 37: |
Line 48: |
| ० सुध्युपास्यः | | ० सुध्युपास्यः |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास I''' ==== | + | ==== अभ्यास I ==== |
| 1. गुरु आदेश 1. इति एव | | 1. गुरु आदेश 1. इति एव |
| | | |
Line 54: |
Line 65: |
| 4. मात्रिच्छा 4. उपर्युपरि | | 4. मात्रिच्छा 4. उपर्युपरि |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास II''' ==== | + | ==== अभ्यास II ==== |
| 1. धातृ उपदेशः 1.इव उपकारः | | 1. धातृ उपदेशः 1.इव उपकारः |
| | | |
Line 106: |
Line 117: |
| ० औ -> आव् | | ० औ -> आव् |
| | | |
− | ==== '''Application of एचोऽयवायावः''' ==== | + | ==== Application of एचोऽयवायावः ==== |
| ० चे अन | | ० चे अन |
| | | |
Line 115: |
Line 126: |
| ० चयन | | ० चयन |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास I''' ==== | + | ==== अभ्यास I ==== |
| 1. फले इच्छा 1. नै अक | | 1. फले इच्छा 1. नै अक |
| | | |
Line 132: |
Line 143: |
| 4. वायववरुणद्धि 4. कयेते | | 4. वायववरुणद्धि 4. कयेते |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास II''' ==== | + | ==== अभ्यास II ==== |
| 1. लौ अक 1. ये एते | | 1. लौ अक 1. ये एते |
| | | |
Line 185: |
Line 196: |
| '''अ अच् => एकः गुणः''' | | '''अ अच् => एकः गुणः''' |
| | | |
− | ==== '''Application of आद्गुण:''' ==== | + | ==== Application of आद्गुण: ==== |
| ० भास्कर उदयः | | ० भास्कर उदयः |
| | | |
Line 194: |
Line 205: |
| ० भास्करोदयः | | ० भास्करोदयः |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास I''' ==== | + | ==== अभ्यास I ==== |
| 1. न इच्छति 1. सुलभ उपायः | | 1. न इच्छति 1. सुलभ उपायः |
| | | |
Line 211: |
Line 222: |
| 4. पतेव 4. महोत्सवः | | 4. पतेव 4. महोत्सवः |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास II''' ==== | + | ==== अभ्यास II ==== |
| 1. रमा ईशः 1. मकर ऊर्जित | | 1. रमा ईशः 1. मकर ऊर्जित |
| | | |
Line 220: |
Line 231: |
| 4. रेमेशः 4. मकरोर्जित | | 4. रेमेशः 4. मकरोर्जित |
| | | |
− | === '''ऋ - स्थाने आदेश''' === | + | === ऋ - स्थाने आदेश === |
| ० सप्त ऋषिः | | ० सप्त ऋषिः |
| | | |
Line 253: |
Line 264: |
| ० सप्तर्षिः | | ० सप्तर्षिः |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास I''' ==== | + | ==== अभ्यास I ==== |
| 1. ब्रह्म ऋषिः 1. अधम ऋणं | | 1. ब्रह्म ऋषिः 1. अधम ऋणं |
| | | |
Line 270: |
Line 281: |
| 4. वसन्तर्तुः 4. उत्तमर्णम् | | 4. वसन्तर्तुः 4. उत्तमर्णम् |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास II''' ==== | + | ==== अभ्यास II ==== |
| 1. राज ऋषिः 1. यथा इष्टं | | 1. राज ऋषिः 1. यथा इष्टं |
| | | |
Line 287: |
Line 298: |
| 4. वेदर्षिः 4. शरदृतुः | | 4. वेदर्षिः 4. शरदृतुः |
| | | |
− | === '''वृद्धिरादैच् (१-१-१)''' === | + | === वृद्धिरादैच् (१-१-१) === |
| वृद्धिः आत् ऐच् | | वृद्धिः आत् ऐच् |
| | | |
Line 298: |
Line 309: |
| ० वृद्धि = { आ ऐ औ } | | ० वृद्धि = { आ ऐ औ } |
| | | |
− | === '''वृद्धिरेचि (६-१-८८)''' === | + | === वृद्धिरेचि (६-१-८८) === |
| वृद्धिः एचि | | वृद्धिः एचि |
| | | |
Line 325: |
Line 336: |
| '''अ एच् => एकः वृद्धिः''' | | '''अ एच् => एकः वृद्धिः''' |
| | | |
− | ==== '''Application of वृद्धिरेचि''' ==== | + | ==== Application of वृद्धिरेचि ==== |
| ० मम एव | | ० मम एव |
| | | |
Line 334: |
Line 345: |
| ० ममैव | | ० ममैव |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास I''' ==== | + | ==== अभ्यास I ==== |
| 1. तस्य ऐक्यम् 1. तव ओजः | | 1. तस्य ऐक्यम् 1. तव ओजः |
| | | |
Line 351: |
Line 362: |
| 4. छात्रौत्सुक्यम् 4. तदैकम् | | 4. छात्रौत्सुक्यम् 4. तदैकम् |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास II''' ==== | + | ==== अभ्यास II ==== |
| 1. रक्त ओदनः 1. यथा औषधम् | | 1. रक्त ओदनः 1. यथा औषधम् |
| | | |
Line 360: |
Line 371: |
| 4. रक्तौदनः 4. यथौषधम् | | 4. रक्तौदनः 4. यथौषधम् |
| | | |
− | === '''अकः सर्वर्णे दीर्घः (६-१-१०१)''' === | + | === अकः सर्वर्णे दीर्घः (६-१-१०१) === |
| अकः सवर्णे दीर्घः | | अकः सवर्णे दीर्घः |
| | | |
Line 377: |
Line 388: |
| '''अक् सवर्ण-अच् => एकः दीर्घः''' | | '''अक् सवर्ण-अच् => एकः दीर्घः''' |
| | | |
− | ==== '''Application of अकः स्वर्णे दीर्घः''' ==== | + | ==== Application of अकः स्वर्णे दीर्घः ==== |
| ० देव आलयः | | ० देव आलयः |
| | | |
Line 386: |
Line 397: |
| ० देवालयः | | ० देवालयः |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास I''' ==== | + | ==== अभ्यास I ==== |
| 1. अपि इदम् 1. कटु उक्तिः | | 1. अपि इदम् 1. कटु उक्तिः |
| | | |
Line 404: |
Line 415: |
| 4. मातॄणम् 4. तथापि | | 4. मातॄणम् 4. तथापि |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास II''' ==== | + | ==== अभ्यास II ==== |
| 1. कवि ईश्वरः 1. गुरु उपदेशः | | 1. कवि ईश्वरः 1. गुरु उपदेशः |
| | | |
Line 413: |
Line 424: |
| 4. कवीश्वरः 4. गरूपदेशः | | 4. कवीश्वरः 4. गरूपदेशः |
| | | |
− | === '''एङ: पदान्तादति (६-१-१०९)''' === | + | === एङ: पदान्तादति (६-१-१०९) === |
| एङः पदान्तात् अति | | एङः पदान्तात् अति |
| | | |
Line 430: |
Line 441: |
| '''पदान्त-एङ् अत् => एकः पूर्वः''' | | '''पदान्त-एङ् अत् => एकः पूर्वः''' |
| | | |
− | ==== '''Application of एङः पदान्तादति''' ==== | + | ==== Application of एङः पदान्तादति ==== |
| ० वायो अत्र | | ० वायो अत्र |
| | | |
Line 439: |
Line 450: |
| ० वायोत्र (वायोऽत्र) | | ० वायोत्र (वायोऽत्र) |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास I''' ==== | + | ==== अभ्यास I ==== |
| 1. अग्ने अत्र 1. अहो आगच्छ | | 1. अग्ने अत्र 1. अहो आगच्छ |
| | | |
Line 457: |
Line 468: |
| 4. कोऽपि 4. अन्तेऽस्ति | | 4. कोऽपि 4. अन्तेऽस्ति |
| | | |
− | ==== '''अभ्यास II''' ==== | + | ==== अभ्यास II ==== |
| 1. अधो अधः 1. यशसे अर्थाय | | 1. अधो अधः 1. यशसे अर्थाय |
| | | |
Line 1,140: |
Line 1,151: |
| 4. डयमानन्नभःस्थं / डयमानं नभःस्थं 4. नभःस्थम्पुरुषः / नभःस्थं पुरुषः | | 4. डयमानन्नभःस्थं / डयमानं नभःस्थं 4. नभःस्थम्पुरुषः / नभःस्थं पुरुषः |
| | | |
− | '''अभ्यास II'''
| + | ==== अभ्यास II ==== |
− | | |
| 1. सं वत्सरः 1.सं यन्ता | | 1. सं वत्सरः 1.सं यन्ता |
| | | |
Line 1,358: |
Line 1,368: |
| | | |
| === अट्कुप्वाङ्नुम्-व्यवायेऽपि (८-४-२) === | | === अट्कुप्वाङ्नुम्-व्यवायेऽपि (८-४-२) === |
− | ० आदेशप्रत्यययोः (८-३-५९)
| + | अट्-कु-पु-आङ्-नुम्-व्यावाये अपि |
| | | |
− | ० विधि - Types | + | ० अट्-कु-पु-आङ्-नुम्-व्यावाये - सप्तमी विभक्ति - in case they are |
| | | |
− | ० आगमः - insertion, Types of आगमः
| + | separated by these also. |
| | | |
− | ० छे च (६-१-७३) | + | ० अनुवृत्तिः -? |
| | | |
− | ० शि तुक् (८-३-३१), दीर्घात् (६-१-७५) + पदान्तात् वा (६-१-७६) | + | ० राषाभ्यां - रष - पञ्चमी विभक्तः |
| | | |
− | ० ङमो ह्रस्वादचि ङमुण्नित्यम् (८-३-३२), इदितो नुम् (७-१-५८) | + | ० नः - न्- षष्ठी विभक्ति |
| | | |
− | ० अचो रहाभ्यां द्वे (८-४-४६), अनचि च (८-४-४७) | + | ० णः - ण - प्रथमा विभक्ति |
| | | |
− | ० लोपः शाकल्यस्य (८-३-१९) | + | ० समानपदे - समानपद - सप्तमीविभक्ति - समानपदस्थौ चेन् निमित्तनिमित्तिनौ । |
| + | |
| + | '''र् / ष् <अट / कु / पु / आङ् / नुम्> न्''' |
| + | |
| + | '''=>र् / (अट् / कु / पु/ आङ् / नुम् ण्''' |
| + | |
| + | ==== Application of अट्कुप्वाङ्नुम्-व्यवायेऽपि ==== |
| + | ० करनम् |
| + | |
| + | ० क र् अ न् म् |
| + | |
| + | ० क र् अ ण् म् |
| + | |
| + | ० करणम् |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. करुना 1. अर्केन |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. करुणा 4. अर्केण |
| + | |
| + | |
| + | |
| + | 1. चर्मना 1. निरानद्धम् |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. चर्मणा 4. निराणद्धम् |
| + | |
| + | ==== अभ्यास II ==== |
| + | 1. बृंहनम् 1. अर्थिनः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. बृंहणम् 4. अर्थिनः |
| + | |
| + | === आदेशप्रत्यययोः (८-३-५९) === |
| + | आदेशप्रत्यययोः |
| + | |
| + | ० आदेशप्रत्यययोः - आदेश-प्रत्यय - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - ? |
| + | |
| + | ० इण्कोः - इण्-कुँ - पञ्चमी विभक्तः |
| + | |
| + | ० अपदान्त-सः - अपदान्त-स् - षष्ठी विभक्ति (विशेष्य for आदेशप्रत्यययोः) |
| + | |
| + | ० मूर्धन्यः - मूर्धन्य - प्रथमा विभक्ति (ष्) |
| + | |
| + | '''इण्/ कुँ अपदान्त-स् => इण्/कुँ ष्''' |
| + | |
| + | ==== Application of आदेशप्रत्यययोः ==== |
| + | ० रामे सु |
| + | |
| + | ० राम् ए स् उ |
| + | |
| + | ० राम् एष् उ |
| + | |
| + | ० रामेषु |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. हरि सु 1. वाक् सु |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. हरिषु 4. वाक्षु |
| + | |
| + | |
| + | |
| + | 1. एतेसाम् 1. सिसेव |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. एतेषाम् 4. सिषेव |
| + | |
| + | === छे च (६-१-७३) === |
| + | ० छे - छ - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - ? |
| + | |
| + | ० ह्रस्वस्य - ह्रस्व-षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० तुक् - तुक्-प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० आगम / आदेश ? |
| + | |
| + | '''ह्रस्व छ => ह्रस्व त् छ''' |
| + | |
| + | ==== Application of छे च ==== |
| + | ० इ छति |
| + | |
| + | ० इ छ् अति |
| + | |
| + | ० इ त् छ् अति |
| + | |
| + | ० इ च् छ् अति |
| + | |
| + | ० इच्छति |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. यछति 1. काष्ठ छत्रः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. यच्छति 4. काष्ठच्छत्रः |
| + | |
| + | 1. तरु छाया 1. लघु छिद्रम् |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. तरुच्छाया 4. लघुच्छिद्रम् |
| + | |
| + | ० चिच्छिदुः ? |
| + | |
| + | === दीर्घात् (६-१-७५) + पदान्तात् वा (६-१-७६) === |
| + | ० दीर्घात् - दीर्घ-पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० पदान्तात् - पदान्त -पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० वा - अव्ययम् |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - ? |
| + | |
| + | ० छे - छ-सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० तुक् - तुक्-प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० आगम / आदेश ? |
| + | |
| + | '''दीर्घ छ => दीर्घ त् छ''' |
| + | |
| + | '''पदान्त-दीर्घ छ => पदान्त-दीर्घ त् छ / पदान्त-दीर्घ छ''' |
| + | |
| + | ==== Application of दीर्घात् + पदान्तात् वा ==== |
| + | ० कुटी छाया |
| + | |
| + | ० कुट् ई छ् आया |
| + | |
| + | ० कुट् ई त् छ् आया / कुट् ई छ् आया |
| + | |
| + | ० कुट् ई च् छ् आया / कुट् ई छ् आया |
| + | |
| + | ० कुटीच्छाया / कुटीछाया |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. म्लेछति 1. पदवी छात्रः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. म्लेछति 4. पदवीच्छात्रः / पदवी छात्रः |
| + | |
| + | |
| + | 1. ह्रीछति 1. गायत्री छन्दः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. ह्रीच्छति 4. गायत्रीच्छन्दः / गायत्री छन्दः |
| + | |
| + | ० लक्ष्मीच्छाया / लक्ष्मी छाया ? |
| + | |
| + | === शि तुक् (८-३-३१) === |
| + | ० शि - श्- सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० तुक् - तुक्-प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० आगम / आदेश ? |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः -? |
| + | |
| + | ० नः - न् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० पदस्य - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० वा - अव्यय |
| + | |
| + | '''पदान्त-न् श् => पदान्तन त् श्''' |
| + | |
| + | ==== Application of शि तुक् ==== |
| + | ० लक्ष्मीवान् शुभलक्षणः |
| + | |
| + | ० लक्ष्मीवा न् त् श् उभलक्षणः (शि तुक् (वा)) |
| + | |
| + | ० लक्ष्मीवान् च् श् उभलक्षणः (स्तोः श्चुना श्चुः) |
| + | |
| + | ० लक्ष्मीवाञ् च् श् उभलक्षणः (स्तोः श्चुना श्चुः) |
| + | |
| + | ० लक्ष्मीवान् च् छ् उभलक्षणः (श्श्छोऽटि (वा)) |
| + | |
| + | ० लक्ष्मीवाञ् छ् उभलक्षणः (झरो झरि सवर्णे) |
| + | |
| + | ० लक्ष्मीवाञ्छुभलक्षणः |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. सन् शम्भुः 1. श्रीमान् शत्रुनिषूदनः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. सञ्छम्भुः 4. श्रीमाञ्छत्रुनिषूदनः |
| + | |
| + | |
| + | |
| + | 1. तान् श्रुत्वा 1. तस्मिन् शयने |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. ताञ्छ्रुत्वा 4. तस्मिञ्छयने |
| + | |
| + | === ङमो ह्रस्वादचि ङमुण्नित्यम् (८-३-३२) === |
| + | ङमः ह्रस्वात् अचि ङमुट् नित्यम् |
| + | |
| + | ० ङमः - ङम् - पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० ह्रस्वात् - ह्रस्व-पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० ङमुट् - ङमुट्-प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अचि - अच् -सप्तमी विभक्ति (अत्र अचः इति षष्ठी-विभक्त्या विपरिणमते) |
| + | |
| + | ० नित्यम् - अव्ययम् |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः -? |
| + | |
| + | ० पदात् - पद - पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० आगम / आदेश ? |
| + | |
| + | '''ह्रस्व पदान्त-ङम् अच् => ह्रस्व ङम् ङमुट् अच्''' |
| + | |
| + | ==== Application of ङमो ह्रस्वादचि ङमुण्नित्यम् ==== |
| + | ० कुर्वन् एव |
| + | |
| + | ० कुर्व् अ न् ए व |
| + | |
| + | ० कर्व् अ न् न् ए व |
| + | |
| + | ० कुर्वन्नेव |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. प्रत्यङ् आस्ते 1. वण् अवोचत् |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. प्रत्यङ्ङास्ते 4. वण्णवोचत् |
| + | |
| + | |
| + | 1. परम् अदण्डी 1. तस्मिन् इति |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. परम् अदण्डी 4. तस्मिन्निति |
| + | |
| + | === इदितो नुम् धातोः (७-१-५८) === |
| + | इदितः नुम् |
| + | |
| + | ० इदितः - इदित् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० नुम् - नुम् - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० धातोः - धातु - षष्टी विभक्ति |
| + | |
| + | '''इदित-धातुः => इदित्धातुः + नुम्''' |
| + | |
| + | ==== Application of इदितो नुम् धातोः ==== |
| + | ० वदिँ- अभिवादनस्तुत्योः |
| + | |
| + | ० वद् + नुम् |
| + | |
| + | ० व् अ द् + नुम् |
| + | |
| + | ० व् अ न् द् |
| + | |
| + | ० वन्द् |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. अकिँ - लक्षणे 1. भजिँ - भाषायाम् |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. अकिँ - लक्षणे अन् क् अंक् अङ्क् । 4. भजिँ- भाषायाम् भन् ज् भंज् भञ्ज्। |
| + | |
| + | |
| + | 1. कुठिँ - प्रतिघाते 1. चितिँ - स्मृत्याम् |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. कुठिँ - प्रतिघाते कुन् ठ् कुंठ् कुण्ठ् । 4. चितिँ - स्मृत्याम् चि न् त् चिंत् चिन्त् । |
| + | |
| + | ० जभिँ- नाशने जन् भ् जंभ् जम्भ् । |
| + | |
| + | === अचो रहाभ्यां द्वे (८-४-४६) === |
| + | अचः रहाभ्यां द्वे |
| + | |
| + | ० अचः - पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० रहाभ्यां - रह - पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० द्वे - द्वि - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० वा - अव्ययम् |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः ? |
| + | |
| + | ० यरः - यर् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | '''अच् र्/ ह् यर् = अच् र्/ ह् यर् यर्''' |
| + | |
| + | ==== Application of अचो रहाभ्यां द्वे ==== |
| + | ० अर्क |
| + | |
| + | ० अ र् क् अ |
| + | |
| + | ० अ र् क् क् अ |
| + | |
| + | ० अर्क्क / अर्क |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. ब्रह्मा 1. अपह्रुते |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. ब्रह्म्मा /ब्रह्मा 4. अपह्न्नुते /अपह्रुते |
| + | |
| + | |
| + | 1. मर्कटः 1. ह्लादः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. मर्क्कटः / मर्कटः 4. ह्लादः |
| + | |
| + | नह्य्यस्ति / नह्यस्ति ? |
| + | |
| + | === अनचि च (८-४-४७) === |
| + | ० अनचि - अनच् - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः ? |
| + | |
| + | ० अचः - पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० यरः - यर् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० द्वे - द्वि - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० वा - अव्ययम् |
| + | |
| + | '''अच् यर् अनच् => अच् यर् यर् अनच्''' |
| + | |
| + | ==== Application of अनचि च ==== |
| + | ० दध्यत्र |
| + | |
| + | ० द ध् य् अत्र |
| + | |
| + | ० द ध् ध् य् अत्र |
| + | |
| + | ० द द् ध् य् अत्र |
| + | |
| + | ० दद्ध्यत्र / दध्यत्र |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. मध्वत्र 1. सुध्युपास्यः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. मद्धत्र / मध्वत्र 4. सुद्ध्युपास्यः / सुध्युपास्यः |
| + | |
| + | |
| + | |
| + | 1. स्मितम् 1. ध्मातम् |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. स्मितम् 4. ध्मातम् |
| + | |
| + | === लोपः शाकल्यस्य (८-३-१९) === |
| + | ० लोप - लोप - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० शाकल्यस्य - शाकल्य-षष्ठी विभक्ति - आचार्यस्य मतेन |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः ? |
| + | |
| + | ० अपूर्वस्य - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० व्योः - व्य- षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अशि - अश्- सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | '''अ य्/व् अश् => अ अश् / अ य्/व् अश्''' |
| + | |
| + | ==== Application of लोपः शाकल्यस्य ==== |
| + | ० रामाय् आगच्छन्ति |
| + | |
| + | ० रामा य् आ गच्छन्ति |
| + | |
| + | ० रामा आ गच्छन्ति |
| + | |
| + | ० रामा आगच्छन्ति /रामाय् आगच्छन्ति |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. के आसते 1. अस्मै उद्धर |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. क आसते / कयासते 4. अस्मा उद्धर / अस्मायुद्धर |
| + | |
| + | |
| + | 1. द्वौ अत्र 1. असौ इन्द्र |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. द्वा अत्र / द्वावत्र 4. असा इन्द्रः / असाविन्द्रः |
| + | |
| + | === झरो झरि सवर्णे (८-४-६५) === |
| + | '''झरो झरि सवर्णे (८-४-६५)''' |
| + | |
| + | ० झरः - झर् - षष्टी विभक्ति |
| + | |
| + | ० झरि - झर् - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० सवर्णे - सवर्ण - सप्तमी विभक्ति (विशेषण for झरि) |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः ? |
| + | |
| + | ० हलः - पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० लोपः - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अन्यतरस्यां - Optional |
| + | |
| + | '''हल् झर् सवर्ण-झर् => हल् सवर्ण-झर् / हल् झर् सवर्ण-झर्''' |
| + | |
| + | ==== Application of झरो झरि सवर्णे ==== |
| + | ० कृष्णर् द् धिः |
| + | |
| + | ० कृष्णर् धिः / कृष्णर् द् धिः |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. श्रीमान् च् छत्रुनिषूदनः 1. लक्ष्मीवाञ् च छुभलक्षणः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. श्रीमाञ्छत्रुनिषूदनः / श्रीमाञ्च्छत्रुनिषूदनः 4. लक्ष्मीवाञ्छुभलक्षणः / लक्ष्मीवाञ्च्छुभलक्षणः |
| + | |
| + | |
| + | 1.मरुत् त् तः 1. प्रत् त् तम् |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. मरुत्तः / मरुत्त्तः 4. प्रत्तम् / प्रत्त्तम् |
| + | |
| + | == विसर्गसन्धिः == |
| + | |
| + | === ससजुषो रूँः (८-२-६६) === |
| + | ससजुषः रुः |
| + | |
| + | ० स् + सजुषः - ससजुष् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० रूँः - रूँ - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः ? |
| + | |
| + | ० पदस्य - पद - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | पद-स् => रूँ |
| + | |
| + | ==== Application of ससजुषो रूँः ==== |
| + | ० हरिभिस् |
| + | |
| + | ० हरिभि स् |
| + | |
| + | ० हरिभि र् |
| + | |
| + | ० हरिभिर् |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. रमायास् 1. हनूमतस् |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. रमायार् 4. हनूमतर् |
| + | |
| + | 1. ससजुषस् 1. अग्निस् |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. ससजुषर् 4. अग्निर् |
| + | |
| + | === भोभगोऽघोऽपूर्वस्य योऽशि (८-३-१७) === |
| + | भोभगोऽघोऽपूर्वस्य यः अशि |
| + | |
| + | ० भोभगोऽघोऽपूर्वस्य - भोभगोऽघोऽपूर्व - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० यः - य्- प्रथमा-विभक्ति |
| + | |
| + | ० अशि - अश्- सप्तमी-विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्ति:? |
| + | |
| + | ० रोँ: - रूँ - षष्ठी-विभक्ति |
| + | |
| + | भो/भगो/अघो/अ र् (रूँ)अश् => भो/भगो/अघो/अ य् अश् |
| + | |
| + | ==== Application of भोभगोऽघोऽपूर्वस्य योऽशि ==== |
| + | ० रामास् अत्र |
| + | |
| + | ० रामा स् अ त्र |
| + | |
| + | ० रामा र् अ त्र |
| + | |
| + | ० रामा य् अत्र |
| + | |
| + | ० रामा अत्र (लोपः शाकल्यस्य) |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. मन्त्रस् इति 1. अर्जुनस् उवाच |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. मन्त्र इति 4. अर्जुन उवाच |
| + | |
| + | |
| + | 1. नरास ददति 1. अग्निस् इन्द्रः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. नरा ददति 4. अग्निरिन्द्रः |
| + | |
| + | === अतो रोँरप्लुतादप्लुते (६-१-११३) === |
| + | अतः रोँ: अप्लुताद् अप्लुते |
| + | |
| + | ० अतः - अत् - पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० रोँ: - रुँ - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - |
| + | |
| + | ० उत् - उत् - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अति - अत् - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | अत् रूँ अत् => अत् उ अत् |
| + | |
| + | ==== Application of अतो रोँरप्लुतादप्लुते ==== |
| + | ० रामस् अत्र |
| + | |
| + | ० राम स् अ त्र |
| + | |
| + | ० राम र् अ त्र |
| + | |
| + | ० राम उ अ त्र |
| + | |
| + | ० रामो अत्र |
| + | |
| + | ० रामोऽत्र |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. मन्त्रस् अस्ति 1. कृष्णस् अनिरुद्धः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. मन्त्रोऽस्ति 4. कृष्णोऽनिरुद्धः |
| + | |
| + | |
| + | 1. शूरस् अयम् 1. अग्निस् अत्र |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. शूरोऽयम् 4. अग्निरत्र |
| + | |
| + | === हशि च (६-१-११४) === |
| + | ० हशि - हश्- सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - |
| + | |
| + | ० अतः - अत् - पञ्चमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० रोँ: - रूँ - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० उत् - उत् - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | अत् रुँ हश् => अत् उ हश् |
| + | |
| + | ==== Application of हशि च ==== |
| + | ० पुरुषस् याति |
| + | |
| + | ० पुरुष स् य् आति |
| + | |
| + | ० पुरुष र् य् आति |
| + | |
| + | ० पुरुष उ य् आति |
| + | |
| + | ० पुरुषो याति |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. रामस् हसति 1. सूर्यस् धारयति |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. रामो हसति 4. सूर्यो धारयति |
| + | |
| + | |
| + | 1. कृष्णस् ददाति 1. भीमस् गायति |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. कृष्णो ददाति 4. भीमो गायति |
| + | |
| + | ==== अभ्यास II ==== |
| + | 1. हरिस् त्रायते 1. शिवस् वन्द्यः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. हरिर् त्रायते 4. शिवो वन्द्यः |
| + | |
| + | === रो रि (८-३-१४) === |
| + | रः रि |
| + | |
| + | ० रः - र् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० रि - र् - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः – |
| + | |
| + | ० लोपः - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | र् र् => र |
| + | |
| + | ==== Application of रो रि ==== |
| + | ० निर् रक्तम् |
| + | |
| + | ० नि र् र् अक्तम् |
| + | |
| + | ० नि र् अक्तम् |
| + | |
| + | ० नि रक्तम् |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. दुर् रक्तम् 1. अग्निस् रथः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. दु रक्तम् 4. अग्नि रथः |
| + | |
| + | |
| + | 1. इन्दुस् रमते 1. प्रातर् राजकार्यः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. इन्दु रमते 4. प्रात राजकार्यः |
| + | |
| + | === ढ्रलोपे पूर्वस्य दीर्घो५णः (६-३-१११) === |
| + | ढ्रलोपे पूर्वस्य दीर्घः अणः |
| + | |
| + | ० पूर्वस्य - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० ढ्रलोपे - ढ्रलोप - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० दीर्घः - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अणः - अण् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | अण् <ढ्रलोप> => दीर्घः < ढ्रलोप> |
| + | |
| + | ==== Application of ढ्रलोपे पूर्वस्य दीर्घोऽणः ==== |
| + | ० निर् रक्तम् |
| + | |
| + | ० नि र् र् अक्तम् |
| + | |
| + | ० नि र् अक्तम् |
| + | |
| + | ० नि <ढ्रलोप> रक्तम् |
| + | |
| + | ० न् इ <ढ्रलोप> रक्तम् |
| + | |
| + | ० न ई रक्तम् |
| + | |
| + | ० नीरक्तम् |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. दुर् रक्तम् 1. अग्निस् रथः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. दू रक्तम् 4. अग्नी रथः |
| + | |
| + | |
| + | 1. इन्दुस् रमते 1. रामस् राजमणिः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. इन्दू रमते 4. रामो राजमणिः |
| + | |
| + | ० प्रातर् राजकार्यः ? |
| + | |
| + | === खरवसानयोर्विसर्जनीयः (८-३-१५) === |
| + | खरवसानयोः विसर्जनीयः |
| + | |
| + | ० खरवसानयोः - खर्+अवसान - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० विसर्जनीयः - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - |
| + | |
| + | ० रः - र् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | र् खर्/अवसान => : खर्/अवसान |
| + | |
| + | ==== Application of खरवसानयोर्विसर्जनीयः ==== |
| + | ० वृक्षस् तरति |
| + | |
| + | ० वृक्ष स् तरति |
| + | |
| + | ० वृक्ष र् तरति |
| + | |
| + | ० वृक्षः तरति |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. वृक्षस् 1. रामस् त्रायते |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. वृक्षः 4. रामः त्रायते |
| + | |
| + | |
| + | 1. मनस् चञ्चलम् 1. प्रातर् तनोति |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. मनः चञ्चलम् 4. प्रातः तनोति |
| + | |
| + | ० रामः छाया ? |
| + | |
| + | === विसर्जनीयस्य सः (८-३-३४) === |
| + | ० विसर्जनीयस्य - विसर्जनीय - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० सः - स् - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - |
| + | |
| + | ० खरि - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | <nowiki>:</nowiki> खर् => स् खर् |
| + | |
| + | ==== Application of विसर्जनीयस्य सः ==== |
| + | ० वृक्षस् चरति |
| + | |
| + | ० वृक्ष स् चरति |
| + | |
| + | ० वृक्ष र् चरति |
| + | |
| + | ० वृक्षः चरति |
| + | |
| + | ० वृक्षस् चरति |
| + | |
| + | ० वृक्षश् चरति |
| + | |
| + | ० वृक्षश्चरति |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. वृक्षस् 1. रामस् त्रायते |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. वृक्षः 4. रामस्त्रायते |
| + | |
| + | 1. मनस् चञ्चलम् 1. प्रातर् तनोति |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. मनश्चञ्चलम् 4. प्रातस्तनोति |
| + | |
| + | ० रामश्छाया |
| + | |
| + | ==== Assignment ==== |
| + | Look into the following sutras - |
| + | |
| + | ० नश्छव्यप्रशान् (८-३-७) |
| + | |
| + | ० शर्परे विरसर्जनीयः(८-३-३५) |
| + | |
| + | ० वा शरि (८-३-३६) |
| + | |
| + | ० कुप्वोः :कःपौ च (८-३-३७) |
| + | |
| + | === एतत्तदोः सुलोपोऽकोरनञ्समासे हलि (६/१/१३२) === |
| + | एतत्तदोः सुलोपः हलि |
| + | |
| + | ० एतत्तदोः - एतत् +तत् - षष्ठी विभक्ति |
| + | |
| + | ० सुलोपः - प्रथमा विभक्ति |
| + | |
| + | ० हलि - सप्तमी विभक्ति |
| + | |
| + | ० अनुवृत्तिः - ? |
| + | |
| + | एतत्/तत् सु हल् => एतत्/तत् हल् |
| + | |
| + | ==== Application of एतत्तदोः सुलोपोऽकोरनसमासे हलि ==== |
| + | ० सस् भुङ्कते |
| + | |
| + | ० स स् भुङ्कते |
| + | |
| + | ० स भुङ्कते |
| + | |
| + | ==== अभ्यास I ==== |
| + | 1. एषस् ददाति 1. सस् शम्भुः |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| + | |
| + | 4. एष ददाति 4. स शम्भुः |
| + | |
| + | |
| + | 1. एषस् विष्णुः 1. एषस् अत्र |
| + | |
| + | 2. 2. |
| + | |
| + | 3. 3. |
| | | |
− | ० झरो झरि सवर्णे (८-४-६५)
| + | 4. एष विष्णुः 4. एषोऽत्र |
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