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== माहेश्वरसूत्राणि ॥ ==
अ इ उ ण् । ऋ लृ क्। ए ओ ङ् । ऐ औ च्।

ह य व र ट् । ल ण् । ञ म ङ ण न म् ।

झ भ ञ् । घ ढ ध ष् । ज ब ग ड द श् ।

ख फ छ ठ थ च ट त व् । क प य् ।

श ष स र् । ह ल् ।

== वर्णमाला ॥ ==
अ आ इ ई उ ऊ ऋ ऋृ लृ ए ऐ ओ औ - स्वर

अं अः - अयोगवाह

व्यञ्जन

क ख ग घ ङ - कवर्ग -  कुँ

च छ ज झ ञ - चवर्ग - चुँ

ट ठ ड ढ ण  - टवर्ग - टुँ

त थ द ध न - तवर्ग - तुँ

प फ ब भ म - पवर्ग - पुँ

य र ल व श ष स ह - अवर्गीय-व्यञ्जन

== व्यञ्जन-विभागाः ॥ ==
क ख ग घ ङ ।

 च छ ज झ ञ ।

ट ठ ड ढ ण  ।

त थ द ध न ।

प फ ब भ म ।

य र ल व श ष स ह ।

* प्रथम-द्वितीय-वर्णs & श ष स - कर्कश-व्यञ्जन ।

तृतीय-चतुर्थ-पञ्चम-वर्णs & य र ल व ह - मृदु-व्यञ्जन ।

* क - म - स्पर्श-वर्ण ।

य र ल व - अन्तस्थ-वर्ण ।

श ष स ह - ऊष्म-वर्ण ।

* प्रथम-तृतीय-पञ्चम-वर्णऽ & य र ल व - अल्पप्राण-व्यञ्जन ।  

द्वितीय-चतुर्थ-वर्णऽ & श ष स ह - महाप्राण-व्यञ्जन ।  

* य यँ र ल लँ व वँ श ष स ह ।

पञ्चमवर्णs & यँ लँ वँ - अनुनासिकवर्ण ।

All other वर्णs - अननुनासिकवर्ण ।

== स्वर-विधाः ॥ ==
Number of variations in स्वरs

अ, इ, उ, ऋ - 3 * 3 * 2= 18 variations each.

लृ-does not have दीर्घ Variation. Therefore लृ - 2 *3* 2 = 12 Variations.

ए ऐ, ओ, औ - These do not have ह्रस्व variation. Therefore 2 *3* 2 = 12 variations each.

== उच्चारणस्थानम् ॥ Points of Articulation ==

* अकुहविसर्जनीयानां कण्ठः - अ, कुँ, ह्, :
* इचुयशानां तालु - इ, चुँ, य्, श्
* उपूपध्मानीयानां ओष्ठौ - उ, पुँ , उपध्मानीयः (पिकःपिकः)
* ऋटुरषाणां मूर्धा - ऋ, टुँ, र्, ष्
* लृतुलसानां दन्तः - लृ, तुँ, ल्, स्
* ञमङणनानां नासिका च - ञ् , म् , ङ्, ण्, न्
* एदैतोः कण्ठतालु - ए, ऐ
* ओदौतोः कण्ठोष्ठम् - ओ , औ
* वकारस्य दन्तोष्ठम् - व्
* जिह्वामूलीयस्य जिह्वामूलम् - जिह्वामूलीय काकःकाकः, :ख
* नासिका अनुस्वारस्य - = अनुस्वारः

== References ==

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