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==== <big>मनु</big> ====
मानव जाति के आदि-पुरुष और धर्मशास्त्र के प्रणेता मनु ने जलप्लावन के समय पृथ्वी के डूब जाने पर अपनी नौका में सृष्टि के सब बीज सुरक्षित रख लिये थे, जिनके आधार पर जलप्लावन उतर जाने के बाद उन्होंने धरती को सर्व सम्पन्नता प्रदान की और नूतन मानव संस्कृति का निर्माण किया। ईसाइयों और मुसलमानों में भी नोअह और हजरत नूह के नाम से यही कथा प्रचलित है। मनु अनेक हुए हैं। पुराणों के अनुसार प्रत्येक कल्प के चौदह मन्वन्तरों में अलग-अलग चौदह मनुओं का शासन होता है। वर्तमान मनुवैवस्वत अर्थात् सूर्यपुत्र कहलाते हैं और अतः यह मन्वन्तर भी वैवस्वत मन्वन्तर कहलाता है।