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| Reference: Ahilya Singh (2010), Pracheen bharat mein aarthik jeevan Prarambh se vaidik kaal tak, [https://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/180070/4/04_chapter%202.pdf Chapter 2]. | | Reference: Ahilya Singh (2010), Pracheen bharat mein aarthik jeevan Prarambh se vaidik kaal tak, [https://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/180070/4/04_chapter%202.pdf Chapter 2]. |
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| + | == Animal Husbandry in Yajurveda == |
| + | The term 'hastipa' features in the Vajasaneyi Samhita which is regarded as a reference to a mahout. |
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| + | [https://sa.wikisource.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%AF%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%83/%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%83_%E0%A5%A9%E0%A5%A6 30.11] |
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| + | अर्मेभ्यो हस्तिपं जवायाश्वपं पुष्ट्यै गोपालं वीर्यायाविपालं तेजसे ऽजपालम्... |
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| + | The Vajasaneyi Samhita mentions Ram as an animal giving wool. |
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| + | [https://sa.wikisource.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%AF%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%83/%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%83_%E0%A5%A7%E0%A5%A9 13.50] |
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| + | इममूर्णायुं वरुणस्य नाभिं त्वचं पशूनां द्विपदांचतुष्पदाम् । |
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| + | त्वष्टुः प्रजानां प्रथमं जनित्रम् अग्ने मा हिꣳसीः परमे व्योमन् । |
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| + | उष्ट्रम् आरण्यम् अनु ते दिशामि तेन चिन्वानस् तन्वो नि षीद । |
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| + | उष्ट्रं ते शुग् ऋच्छतु यं द्विष्मस् तं ते शुग् ऋच्छतु ॥ |
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| + | 13.51 |
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| + | अजो ह्य् अग्नेर् अजनिष्ट शोकात् सो ऽ अपश्यज् जनितारम् अग्रे । |
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| + | तेन देवा देवताम् अग्रम् आयꣳस् तेन रोहम् आयन्न् उप मेध्यासः । |
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| + | शरभम् आरण्यम् अनु ते दिशामि तेन चिन्वानस् तन्वो नि षीद । |
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| + | शरभं ते शुग् ऋच्छतु यं द्विष्मस् तं ते शुग् ऋच्छतु ॥ |
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| + | The Yajurveda clearly prohibits cruelty to animals. It says, |
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| + | [https://sa.wikisource.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%AF%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%83/%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%83_%E0%A5%A9%E0%A5%AC 36.22] |
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| + | यतो-यतः समीहसे ततो नो ऽ अभयं कुरु । |
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| + | शं नः कुरु प्रजाभ्यो ऽभयं नः पशुभ्यः ॥ |
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| + | It elaborates saying Cows, Ox, two-feet animals, animals with one 'saph', four-legged animals, camels and sheep should not be killed. |
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| + | [https://sa.wikisource.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%AF%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%83/%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%83_%E0%A5%A7%E0%A5%A9 13.47] |
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| + | इमं '''मा हिꣳसीर् द्विपादं पशुꣳ''' सहस्राक्षो मेधाय चीयमानः । |
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| + | मयुं पशुं मेधम् अग्ने जुषस्व तेन चिन्वानस् तन्वो नि षीद । |
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| + | मयुं ते शुग् ऋच्छतु यं द्विष्मस् तं ते शुग् ऋच्छतु ॥ |
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| + | 13.48 |
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| + | इमं मा हिꣳसीर् एकशफं पशुं कनिक्रदं वाजिनं वाजिनेषु । |
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| + | गौरम् आरण्यम् अनु ते दिशामि तेन चिन्वानस् तन्वो नि षीद । |
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| + | गौरं ते शुग् ऋच्छतु यं द्विष्मस् तं ते शुग् ऋच्छतु ॥ |
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| + | 13.49 |
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| + | इमꣳ साहस्रꣳ शतधारम् उत्सं व्यच्यमानꣳ सरिरस्य मध्ये । |
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| + | घृतं दुहानाम् अदितिं जनायाग्ने मा हिꣳसीः परमे व्योमन् । |
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| + | गवयम् आरण्यम् अनु ते दिशामि तेन चिन्वानस् तन्वो नि षीद । |
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| + | गवयं ते शुग् ऋच्छतु यं द्विष्मस् तं ते शुग् ऋच्छतु ॥ |
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| + | 13.50 |
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| + | इममूर्णायुं वरुणस्य नाभिं त्वचं पशूनां द्विपदांचतुष्पदाम् । |
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| + | त्वष्टुः प्रजानां प्रथमं जनित्रम् अग्ने मा हिꣳसीः परमे व्योमन् । |
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| + | उष्ट्रम् आरण्यम् अनु ते दिशामि तेन चिन्वानस् तन्वो नि षीद । |
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| + | उष्ट्रं ते शुग् ऋच्छतु यं द्विष्मस् तं ते शुग् ऋच्छतु ॥ |
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| + | It also mentions killing of a horse as a punishable offense |
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| + | यो ऽ अर्वन्तं जिघाꣳसति तम् अभ्य् अमीति वरुणः परो मर्तः परः श्वा ॥ [https://sa.wikisource.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%AF%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%83/%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%83_%E0%A5%A8%E0%A5%A8 22.5] |
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| + | Reference: Ahilya Singh (2010), Pracheen bharat mein aarthik jeevan Prarambh se vaidik kaal tak, [https://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/180070/5/05_chapter%203.pdf Chapter 3]. |
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| ==References== | | ==References== |
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| <references /> | | <references /> |