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== भोजन  विधि  ==
 
== भोजन  विधि  ==
 
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{{Main|Bhojana Vidhi - Dharmik Aspects (भोजन विधि -धार्मिक अंश)}}
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{{Main|Bhojana Vidhi - Scientific Aspects (भोजन विधि का वैज्ञानिक अंश)}}
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{{Main|Bhojana niyamas in Sanatana Dharma (सनातन धर्म में भोजन नियम)}}
 
सनातन धर्म में आचार विचार,आहार तथा व्यवहार इन चार विषयों पर बहुत महत्व दिया है इनमें आहार(भोजन)विधि के बारे में बहुत महत्व दिया गया है जिस प्रकार का अन्न खाया जाता है उसी प्रकार की बुद्धि भी बनती है।आहार सात्विक होगा, तो मन भी सात्विक होगा और जब मन सात्विक होगा तब विचार भी सात्विक होंगे और क्रमशः फिर क्रिया भी सात्विक होगी। सात्विक भोजन से शरीर स्वस्थ एवं चित्त प्रसन्न रहता है। अधिक कटु, उष्ण, तीक्ष्ण एवं रुक्ष आहार राजस कहा गया है । बासी, रसहीन, दुर्गन्धियुक्त, जूठा और अपवित्र आहार तामस कहा गया है ।
 
सनातन धर्म में आचार विचार,आहार तथा व्यवहार इन चार विषयों पर बहुत महत्व दिया है इनमें आहार(भोजन)विधि के बारे में बहुत महत्व दिया गया है जिस प्रकार का अन्न खाया जाता है उसी प्रकार की बुद्धि भी बनती है।आहार सात्विक होगा, तो मन भी सात्विक होगा और जब मन सात्विक होगा तब विचार भी सात्विक होंगे और क्रमशः फिर क्रिया भी सात्विक होगी। सात्विक भोजन से शरीर स्वस्थ एवं चित्त प्रसन्न रहता है। अधिक कटु, उष्ण, तीक्ष्ण एवं रुक्ष आहार राजस कहा गया है । बासी, रसहीन, दुर्गन्धियुक्त, जूठा और अपवित्र आहार तामस कहा गया है ।
  
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