उपनिषद विभिन्न आध्यात्मिक और धर्मिक सिद्धांतों और तत्त्वों की व्याख्या करते हैं जो साधक को मोक्ष के उच्चतम उद्देश्य की ओर ले जाते हैं और क्योंकि वे वेदों के अंत में मौजूद हैं, उन्हें वेदांत (वेदान्तः) भी कहा जाता है। वे कर्मकांड में निर्धारित संस्कारों को रोकते नहीं किन्तु यह बताते हैं कि मोक्ष प्राप्ति केवल ज्ञान के माध्यम से ही हो सकती है।<ref name=":0">Gopal Reddy, Mudiganti and Sujata Reddy, Mudiganti (1997) ''Sanskrita Saahitya Charitra (Vaidika Vangmayam - Loukika Vangamayam, A critical approach)'' Hyderabad : P. S. Telugu University</ref> | उपनिषद विभिन्न आध्यात्मिक और धर्मिक सिद्धांतों और तत्त्वों की व्याख्या करते हैं जो साधक को मोक्ष के उच्चतम उद्देश्य की ओर ले जाते हैं और क्योंकि वे वेदों के अंत में मौजूद हैं, उन्हें वेदांत (वेदान्तः) भी कहा जाता है। वे कर्मकांड में निर्धारित संस्कारों को रोकते नहीं किन्तु यह बताते हैं कि मोक्ष प्राप्ति केवल ज्ञान के माध्यम से ही हो सकती है।<ref name=":0">Gopal Reddy, Mudiganti and Sujata Reddy, Mudiganti (1997) ''Sanskrita Saahitya Charitra (Vaidika Vangmayam - Loukika Vangamayam, A critical approach)'' Hyderabad : P. S. Telugu University</ref> |