प्रथम जीव निर्माण की मिलर की परिकल्पना को भी ‘मिलर की थियरी’ ही कहा जाता है। सिद्धांत उसे कहते हैं जो अंत तक सिद्ध किया जा सकता है। साईंटिस्ट समुदाय की मान्यता है कि एक विशाल अंडा था। उसमें विस्फोट हुआ। और सृष्टि के निर्माण का प्रारम्भ हो गया। आगे अलग अलग अस्तित्व निर्माण हुए। सृष्टि निर्माण की कल्पना में इसका बनानेवाला कौन है? इसके बनाने में कच्चा माल क्या था? इनके उत्तर साईंटिस्ट नहीं दे पाते हैं। अंडे में विस्फोट किस ने किया? अंडे में विस्फोट होने से अव्यवस्था निर्माण होनी चाहिए थी। वह क्यों नहीं हुई? | प्रथम जीव निर्माण की मिलर की परिकल्पना को भी ‘मिलर की थियरी’ ही कहा जाता है। सिद्धांत उसे कहते हैं जो अंत तक सिद्ध किया जा सकता है। साईंटिस्ट समुदाय की मान्यता है कि एक विशाल अंडा था। उसमें विस्फोट हुआ। और सृष्टि के निर्माण का प्रारम्भ हो गया। आगे अलग अलग अस्तित्व निर्माण हुए। सृष्टि निर्माण की कल्पना में इसका बनानेवाला कौन है? इसके बनाने में कच्चा माल क्या था? इनके उत्तर साईंटिस्ट नहीं दे पाते हैं। अंडे में विस्फोट किस ने किया? अंडे में विस्फोट होने से अव्यवस्था निर्माण होनी चाहिए थी। वह क्यों नहीं हुई? |