# पात्रता और कुपात्रता की परीक्षा प्रणाली को कौटुम्बिक पार्श्वभूमि, सामान्य व्यवहार, स्वभाव की विशेषताएँ आदि के आधार पर मूल्यांकन करने की पक्की प्रक्रिया का विकास करना। वैसे कोई सुसंस्कृत है, धर्माचरणी है इसे जानना बहुत कठिन नहीं होता। इस दृष्टि से परीक्षक की निष्पक्षता, सर्वभूतहितेरत: वृत्ति या स्वभाव और परीक्षा की विधा का ज्ञान इन तीन कसौटियों को लगाकर परीक्षक का चयन किया जा सकता है। | # पात्रता और कुपात्रता की परीक्षा प्रणाली को कौटुम्बिक पार्श्वभूमि, सामान्य व्यवहार, स्वभाव की विशेषताएँ आदि के आधार पर मूल्यांकन करने की पक्की प्रक्रिया का विकास करना। वैसे कोई सुसंस्कृत है, धर्माचरणी है इसे जानना बहुत कठिन नहीं होता। इस दृष्टि से परीक्षक की निष्पक्षता, सर्वभूतहितेरत: वृत्ति या स्वभाव और परीक्षा की विधा का ज्ञान इन तीन कसौटियों को लगाकर परीक्षक का चयन किया जा सकता है। |