वैश्विक साम्राज्य आत्मकेन्द्री है, स्वार्थी है, लोभी है और अति भौतिकवादी, सारा ही खा जाना चाहता है, जो कुछ भी देखा वह ले लेना चाहता है, सत्ता और धन लेने के लिए तो वह चाहे जो साधन उपयोग में लेने के लिये तैयार रहता है। | वैश्विक साम्राज्य आत्मकेन्द्री है, स्वार्थी है, लोभी है और अति भौतिकवादी, सारा ही खा जाना चाहता है, जो कुछ भी देखा वह ले लेना चाहता है, सत्ता और धन लेने के लिए तो वह चाहे जो साधन उपयोग में लेने के लिये तैयार रहता है। |