Changes

Jump to navigation Jump to search
editing content
Line 144: Line 144:     
=== प्रातःकाल का नित्य स्नान ===
 
=== प्रातःकाल का नित्य स्नान ===
<blockquote>गुणा दश स्नान दश स्नान परस्य मध्येरूपं च तेजश्च बलं च शौचम् ।आयुष्यमारोग्यमलोलुपत्वं दुःस्वप्तघातश्च तपश्चमेधा ॥(दक्षस्मृति २।१४)</blockquote>
+
<blockquote>गुणा दश स्नान दश स्नान परस्य मध्येरूपं च तेजश्च बलं च शौचम् ।आयुष्यमारोग्यमलोलुपत्वं दुःस्वप्तघातश्च तपश्चमेधा ॥(दक्षस्मृति २।१४)</blockquote>जो मानव स्नान में तत्पर होत है उसमें यह दश गुण विद्यमान होते है रूप,पुष्टता,बल,तेज,आरोग्य,अवस्था,दुस्वप्न का नाश,धातु की वृद्धि,तप और बुद्धि।
    
== वस्त्रधारण एवं भस्मादि तिलक धारण विधि। ==
 
== वस्त्रधारण एवं भस्मादि तिलक धारण विधि। ==
924

edits

Navigation menu