भारत में राष्ट्रीय शिक्षा की प्रतिष्ठापना के प्रयास भी १९ वीं सदी से ही शुरू हो गये थे। यह प्रयास रवींद्रनाथ ठाकुर, स्वामी दयानंद सरस्वती, मदन मोहन मालवीय, लोकमान्य टिळक, बिपिनचंद्र पाल , महात्मा गांधी जैसे दिग्गजों ने किये थे। किंतु शिक्षा राष्ट्रीय नहीं बनीं। स्वाधीनता के उपरांत भी यह प्रयास हुवे। विद्या भारती के द्वारा, गायत्री परिवार के द्वारा, अन्यान्य संतोंद्वारा हजारों की संख्या में भारत में विद्यालय और गुरुकुल चलाए जाते है। किंतु शिक्षा भारतीय बनती दिखाई नहीं देती। | भारत में राष्ट्रीय शिक्षा की प्रतिष्ठापना के प्रयास भी १९ वीं सदी से ही शुरू हो गये थे। यह प्रयास रवींद्रनाथ ठाकुर, स्वामी दयानंद सरस्वती, मदन मोहन मालवीय, लोकमान्य टिळक, बिपिनचंद्र पाल , महात्मा गांधी जैसे दिग्गजों ने किये थे। किंतु शिक्षा राष्ट्रीय नहीं बनीं। स्वाधीनता के उपरांत भी यह प्रयास हुवे। विद्या भारती के द्वारा, गायत्री परिवार के द्वारा, अन्यान्य संतोंद्वारा हजारों की संख्या में भारत में विद्यालय और गुरुकुल चलाए जाते है। किंतु शिक्षा भारतीय बनती दिखाई नहीं देती। |