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वर्तमानमें मनुष्यकी बढ़ती हुई भोगवादी कुप्रवृत्तिके कारण आचार-विचार का उत्तरोत्तर ह्रास हो रहा है एवं स्वेच्छाचारकी कुत्सित मनोवृत्ति भी उत्तरोत्तर बढ़ती जा रही है, जिसका दुष्परिणाम अधिकांशतः नवयुवकों और नवयुवतियोंके साथ-साथ अभिभावकोंको भी भोगना पड़ रहा है। ऐसी भयावह परिस्थितिमें युवा पीढ़ीको स्वस्थ दिशाबोध प्रदान करनेके लिये आचार-विचार का ज्ञान और उसके अनुसार आचरण  करना यह पथ-प्रदर्शक होगा।
 
वर्तमानमें मनुष्यकी बढ़ती हुई भोगवादी कुप्रवृत्तिके कारण आचार-विचार का उत्तरोत्तर ह्रास हो रहा है एवं स्वेच्छाचारकी कुत्सित मनोवृत्ति भी उत्तरोत्तर बढ़ती जा रही है, जिसका दुष्परिणाम अधिकांशतः नवयुवकों और नवयुवतियोंके साथ-साथ अभिभावकोंको भी भोगना पड़ रहा है। ऐसी भयावह परिस्थितिमें युवा पीढ़ीको स्वस्थ दिशाबोध प्रदान करनेके लिये आचार-विचार का ज्ञान और उसके अनुसार आचरण  करना यह पथ-प्रदर्शक होगा।
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Brahma Muhurta (ब्रह्ममुहूर्त का वैज्ञानिक )
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[[Brahma Muhurta - Scientific Aspects  (ब्राह्ममुहूर्त का वैज्ञानिक अंश)]]
    
== ब्राह्ममुहूर्त में जागरण। ==
 
== ब्राह्ममुहूर्त में जागरण। ==
 
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{{Main|Brahma Muhurta - Scientific Aspects (ब्राह्ममुहूर्त का वैज्ञानिक अंश)}}
 
==== ब्रह्ममुहूर्त का काल निर्णय ====
 
==== ब्रह्ममुहूर्त का काल निर्णय ====
 
ब्राह्म-मुहूर्त सूर्योदयसे चार घड़ी (लगभग डेढ़ घंटे) पूर्व  ब्राह्ममुहूर्तमें ही जग जाना चाहिये। रातकी अन्तिम चार घड़ियोंमें पहलेकी दो घड़ियां ब्राह्ममुहूर्त नामसे और अन्तिम दो घड़िय रौद्रमुहूर्त नामसे कही जाती हैं। इनमें ब्राह्ममुहूर्तमें ही शय्य त्याग कहा गया है।
 
ब्राह्म-मुहूर्त सूर्योदयसे चार घड़ी (लगभग डेढ़ घंटे) पूर्व  ब्राह्ममुहूर्तमें ही जग जाना चाहिये। रातकी अन्तिम चार घड़ियोंमें पहलेकी दो घड़ियां ब्राह्ममुहूर्त नामसे और अन्तिम दो घड़िय रौद्रमुहूर्त नामसे कही जाती हैं। इनमें ब्राह्ममुहूर्तमें ही शय्य त्याग कहा गया है।
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