इतिहास में दर्ज है कि लोकमान्य तिलक ने सार्वजनिक गणेशोत्सव का प्रारम्भ लोकमानस में राष्ट्रीयता जागृत करने के उद्देश्य से किया और वे उसमें यशस्वी भी हुए । लोगों के हृदयों को जोड़ने वाले, उन्हें उद्वेलित करने वाले और दिशा देने वाले ऐसे कई उत्सव देशभर में मनाये जाते हैं। कहीं छठपूजा, कही दुर्गापूजा, कहीं कृष्ण जन्माष्टमी, कहीं ओणम आदि अनेक निमित्त और अनेक स्वरूपों में लोकजागरण का कार्य होता रहता है । आज के समय में योग शिक्षा और गर्भसंस्कार का भी प्रचलन होने लगा है । | इतिहास में दर्ज है कि लोकमान्य तिलक ने सार्वजनिक गणेशोत्सव का प्रारम्भ लोकमानस में राष्ट्रीयता जागृत करने के उद्देश्य से किया और वे उसमें यशस्वी भी हुए । लोगों के हृदयों को जोड़ने वाले, उन्हें उद्वेलित करने वाले और दिशा देने वाले ऐसे कई उत्सव देशभर में मनाये जाते हैं। कहीं छठपूजा, कही दुर्गापूजा, कहीं कृष्ण जन्माष्टमी, कहीं ओणम आदि अनेक निमित्त और अनेक स्वरूपों में लोकजागरण का कार्य होता रहता है । आज के समय में योग शिक्षा और गर्भसंस्कार का भी प्रचलन होने लगा है । |