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| == कक्षा ५ पाठ्यक्रम == | | == कक्षा ५ पाठ्यक्रम == |
| सार्थ कंठस्थीकरण: | | सार्थ कंठस्थीकरण: |
− | * शान्तिमंत्र
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− | * स्वस्तिवाचन,
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− | * भूमिसूक्त मंत्र क. 1, 3, 4, 6, 12, (कुल 5)
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− | * संकल्प मंत्र एवं अग्निहोत्र के दो मंत्र- सूर्योदय-1, सूर्यास्त-1 (कुल 3)
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| * गीता के निम्न श्लोक- सार्थ | | * गीता के निम्न श्लोक- सार्थ |
− | ** अध्याय 8: 5, 6, 22 | + | ** अध्याय 2: 37, 47, 62, 63 |
− | ** अध्याय 14: 14, 18 | + | ** अध्याय 4: 5 |
− | ** अध्याय 3: 42 | + | ** अध्याय 6: 41, 44 |
− | ** अध्याय 17: 7 से 10, 23, 24 | + | ** अध्याय 9: 7 |
− | ** कुल 12 | + | ** अध्याय 13: 21 |
− | * जीवनदृष्टि का गीत | + | ** अध्याय 15: 16, 17 |
| + | ** कुल 11 |
| + | * शिक्षावल्ली- अनुवाक् 11 |
| + | * नासदीय सूक्त- मंत्र 1, 2, 3, 7 कुल 4 |
| * हमारा देश | | * हमारा देश |
− | * सूर्यमाला एवं ग्रह | + | * कर्मसिद्धान्त और पुनर्जन्म से संबंधित मान्यताएँ। |
− | * पृथ्वी : मानवजाति का एकमेव निवासस्थान | + | * राष्ट्र की संकल्पना (यजुर्वेद), |
− | * भारत का विशिष्ट स्थान एवं दर्शन ( सोच)
| + | * राष्ट्र की संगठन प्रणालियॉ- वर्णाश्रम प्रणालियाँ |
− | * हमारे पडोसी देश | + | * चिरंजीवी राष्ट्र का निर्माण |
− | * 1971 की अद्भुत विजय। | + | * धर्म की समाजसंबंधित परिभाषाएँ |
− | * भारत की एकता | + | * सृष्टिनिर्मिति की भारतीय संकल्पना: |
− | ** सांस्कृतिक एकता | + | * शाकाहार के लाभ |
− | ** बारह मास, छः ऋतुएँ | + | * गौरवशाली भारत के अन्य बिन्दु |
− | ** विविधता में एकता | + | * हमारा साहित्य- चार उपवेद-आयुर्वेद, धनुर्वेद, गांधर्ववेद, शिल्पवेद, सिंहासनबत्तीसी, वेतालपच्चीसी समरांगणसूत्रधार ( राजा भोज), नीतिशतक, बृहत्संहिता, धर्मसूत्र, गृह्यसूत्र |
− | * हमारी कृषि और संबंधित विविध उत्पादन। | |
− | ** कृषिसंबंधित पशुसंपत्ति, उनसे मिलने वाली उपज और उनकी निगरानी
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− | * 12 ज्योतिर्लिंग, 52 शक्तिपीठ, स्थापत्य-कैलास, मदुराई, सेतुबंध रामेश्वरम्
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− | * हमारे विजय और स्थापत्य की गाथाएँ
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− | * कुम्भमेला
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− | * गुरुकूल में शिक्षा
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− | ** सोलह संस्कार
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− | ** हमारा साहित्य
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− | ** वेद, उपवेद, वेदांग, षड़दर्शन, ऋषिकाएँ
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− | ** ग्यारह मुख्य उपनिषदों के नाम
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− | ** श्रीमद्भगवद्गीता गीता की कहानी- (गीता का बहिरंग)- खंड 1 अ. 5
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| * हमारे पूर्वज | | * हमारे पूर्वज |
− | ** राम, कृष्ण, माता कुंती, सावित्री, महाराणा प्रताप, पृथु, हरिश्चन्द्र, भरत, कम्बु, कौंडिण्य, पुष्यमित्र शुंग, चन्द्रगुप्त, विकमादित्य, शालिवाहन, शैलेन्द्र, यशोधर्मा | + | ** विविध संप्रदायाचार्य- गौतम बुद्ध, महावीर स्वामी, गोरखनाथ, शंकराचार्य, मध्वाचार्य, निम्बार्काचार्य, रामानुजाचार्य, वल्लभाचार्य, बसवेश्वर, चैतन्य महाप्रभु, सहजानन्द, गुरु नानक, गुरु तेगबहादुर, गुरु गोविन्दसिंह, स्वामी दयानन्द |
| + | * अलससंयम |
| * कृतिपाठ | | * कृतिपाठ |
− | * योगासन (अल्पकालीन), सुखासन- पालथी लगा कर बैठना | + | * घरेलू कार्य- अपने व्यक्तिगत कार्य स्वयं करना। अपनी दिनचर्या की समयसारणी बनाना एवं उसका अनुपालन करना। प्रातःकाल उठना। अपने बिछौने को व्यवस्थित करना। अपने विद्यालय जाने की तैयारी करना। अपने कपड़े धोना। अपने जेबखर्च से पैसे बचा कर उसे जहाँ आवश्यकता हो वहां दान करना। जेब खर्च के पैसों का हिसाब रखना। अनावश्यक खर्चों पर विचार करना तथा भविष्य में ऐसा न करने का संकल्प करना। |
− | * हवन, अग्निहोत्र करना | + | * भारत के प्राचीन /पारंपारिक खेलों पर साहित्य इकट्ठा करना चित्र बनाना, वे खेल खेलना |
− | * समंत्र सूर्यनमस्कार, | + | * आधुनिक खेलों के साथ तुलनात्मक अध्ययन करना |
− | * गुरुकूल के वातावरण,/ परिवेश का चित्रांकन, प्रतिकृति बनाना। | + | * शिवाजी महाराज के दुर्गों की सचित्र जानकारी का संकलन करना। |
− | * स्वादसंयम
| + | * किन्हीं पाँच राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं की जानकारी का संकलन करना |
− | * घर में घरेलू कार्य सीखना और करना | |
| * व्यवहारसूत्र | | * व्यवहारसूत्र |
− | ** विविधता में एकता। | + | ** नर करनी करै तो उत्तरोत्तर प्रगति संभव हो जाय। |
− | ** पंचऋण। | + | ** कर्मसिद्धान्त। |
− | ** देने की संस्कृति | + | ** अपने कर्तव्य और औरों के अधिकारों के लिए प्रयास। |
− | ** माता भूमि पुत्रोऽहं पृथिव्या | + | |
| + | * अष्टांग योग- तप, स्वाध्याय |
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| == कक्षा ६ पाठ्यक्रम == | | == कक्षा ६ पाठ्यक्रम == |
| सार्थ कंठस्थीकरण: | | सार्थ कंठस्थीकरण: |