− | भारतभूमि के उत्तर-पश्चिमी, उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के महत्त्वपूर्ण स्थलों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करने के उपरांत अब हम मध्यभारत (उड़ीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व गुजरात) में स्थित प्रमुख स्थलों के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व धार्मिक परिदृश्य को हरदयंगम करने का प्रयत्न करेंगे। उपर्युक्त विवेचन में यद्यपि वर्तमान राजनीतिक इकाइयों को ध्यान में रखते हुए विषय का प्रस्तुतीकरण किया है, परन्तु कहीं-कहीं सामीप्यता के कारण दो राजनीतिक इकाइयों के स्थानों का वर्णन एक साथ कर दिया है। उद्देश्य एक ही रहा है कि तारतम्यता बनी रहे और कोई महत्त्वपूर्ण स्थल छूट न जाये। एक और महत्त्व की बात यह है कि पुनरुक्ति से बचने का प्रयत्न किया गया है। अतः कहीं-कहीं ऐसा लग सकता है कि कुछ स्थान छूट गये हैं। पवित्र नदियों अथवा पर्वतों आदि की महिमा का प्रतिपादन करते समय कुछ स्थलों का विवरण भी आ गया है, अतः व्यर्थ ही पुस्तक के आकार में वृद्धि से बचने के लिए स्थानों के वर्णन में उन्हें छोड़ दिया गया है। आगे भी इसी बात को ध्यान में रखकर विषय का प्रतिपादन करेंगे। | + | भारतभूमि के उत्तर-पश्चिमी, उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के महत्त्वपूर्ण स्थलों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करने के उपरांत अब हम मध्यभारत (उड़ीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व गुजरात) में स्थित प्रमुख स्थलों के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व धार्मिक परिदृश्य को हरदयंगम करने का प्रयत्न करेंगे। |