अमरकंटक मैकाल या मिकुल पर्वत का उच्च शिखर हैं | नर्मदा (रेवा ) का उद्गम स्थान अमरकंटक पर स्थित एक कुण्ड है, इस कुण्ड का नाम कोटितीर्थ है | समुद्रतल से अमरकंटक लगभग १००० मीटर ऊँचा है | अमरकंटक शिखर पर अमरनाथ महादेव, नर्मदा देवी, नर्मदेश्वर व अमरकंटकेश्वर के मंदिर बने है | यहाँ पर कई शैव व् वैष्णव मंदिर तथा पवित्र सरोवर व् कुण्ड है | केशव नारायण तथा मत्स्येन्द्रनाथ के मंदिर प्रमुख है | मार्कंडेय आश्रम, भृगुकमण्डल, कपिलधारा आदि ऋषियों के प्रसिद्ध स्थान अमरकंटक के आसपास ही है | कालिदास द्वारा रचित 'मेघदूत ' में इसे आम्रकुट नाम दिया गया है | शोणभद्र और महानदी के उद्गम स्थान अमरकंटक के पूर्वी भाग में है | महात्मा कबीर ने अमरकंटक के पास काफी समय तक निवास कर जनचेतना जगायी | | अमरकंटक मैकाल या मिकुल पर्वत का उच्च शिखर हैं | नर्मदा (रेवा ) का उद्गम स्थान अमरकंटक पर स्थित एक कुण्ड है, इस कुण्ड का नाम कोटितीर्थ है | समुद्रतल से अमरकंटक लगभग १००० मीटर ऊँचा है | अमरकंटक शिखर पर अमरनाथ महादेव, नर्मदा देवी, नर्मदेश्वर व अमरकंटकेश्वर के मंदिर बने है | यहाँ पर कई शैव व् वैष्णव मंदिर तथा पवित्र सरोवर व् कुण्ड है | केशव नारायण तथा मत्स्येन्द्रनाथ के मंदिर प्रमुख है | मार्कंडेय आश्रम, भृगुकमण्डल, कपिलधारा आदि ऋषियों के प्रसिद्ध स्थान अमरकंटक के आसपास ही है | कालिदास द्वारा रचित 'मेघदूत ' में इसे आम्रकुट नाम दिया गया है | शोणभद्र और महानदी के उद्गम स्थान अमरकंटक के पूर्वी भाग में है | महात्मा कबीर ने अमरकंटक के पास काफी समय तक निवास कर जनचेतना जगायी | |