− | जयुपर राजस्थान की वर्तमान राजधानी व प्रसिद्ध नगर है। इसकी स्थापना महाराजा जयसिंह ने की थी। नगर के भवन प्राय: गुलाबी पत्थर के बने हैं। नगर के चारों ओर चारदीवारी बनायी गयी हैं, जिसमें सात द्वार बनाये गये हैं। नगर में कई दर्शनीय व पूजनीय स्थान है। हवामहल, सिटी पैलेस, राम बाग, जन्तर-मन्तर, केन्द्रीय संग्रहालय प्रमुख दर्शनीय स्थान हैं।आमेर का किला, नाहरगढ़ का किला जयपुर के पास पुराने किले हैं। श्री गोविन्द देव, श्री गोकुलनाथ जी नामक पवित्र मन्दिर हैं। इन मन्दिरों में स्थापित प्रतिमाओं को औरंगजेब के शासनकाल में वृन्दावन से यहाँ लाया गया था। इनके अतिरिक्त विश्वेश्वर महादेव, राधा-दामोदर अन्य प्रमुख मन्दिर हैं। जयपुर का जन्तर-मन्तर ज्योतिष तथा खगोलीय ज्ञान | + | जयुपर राजस्थान की वर्तमान राजधानी व प्रसिद्ध नगर है। इसकी स्थापना महाराजा जयसिंह ने की थी। नगर के भवन प्राय: गुलाबी पत्थर के बने हैं। नगर के चारों ओर चारदीवारी बनायी गयी हैं, जिसमें सात द्वार बनाये गये हैं। नगर में कई दर्शनीय व पूजनीय स्थान है। हवामहल, सिटी पैलेस, राम बाग, जन्तर-मन्तर, केन्द्रीय संग्रहालय प्रमुख दर्शनीय स्थान हैं।आमेर का किला, नाहरगढ़ का किला जयपुर के पास पुराने किले हैं। श्री गोविन्द देव, श्री गोकुलनाथ जी नामक पवित्र मन्दिर हैं। इन मन्दिरों में स्थापित प्रतिमाओं को औरंगजेब के शासनकाल में वृन्दावन से यहाँ लाया गया था। इनके अतिरिक्त विश्वेश्वर महादेव, राधा-दामोदर अन्य प्रमुख मन्दिर हैं। जयपुर का जन्तर-मन्तर ज्योतिष तथा खगोलीय ज्ञान के लिए महत्वपूर्ण है | |
− | पहाड़ियों से घिरा हुआ सुरम्य स्थल हैअजमेर। पहाड़ी की तलहटी | + | पहाड़ियों से घिरा हुआ सुरम्य स्थल हैअजमेर। पहाड़ी की तलहटी में तारागढ़ नामक दुर्ग है।अजमेर अजयमेरू का अपभ्रंश है। चौहान राजा अजयपाल ने इसकी स्थापना की थी तथा सुरक्षा की दृष्टि से एक सुदृढ़ किला भी बनवाया। पृथ्वीराज विजय’ तथा ‘हम्मीर महाकाव्य में इस बात का प्रमाण भी मिलता है। कुछ विद्वानों के अनुसार महाभारत काल में अजय मेरू विद्यमान था। महमूद गजनवी ने सन् १०२५ में इस नगर को लूटा। अजमेर कभी चौहान, कभी पठान, कभी राठौर तो कभी मुगल शासकों के अधीन रहा। अजमेर के आसपास के राज्य को पुराने समय में सपादक्ष के नाम सेपुकारा जाता था। कर्नल टॉड के अनुसारअजमेर का आधा दिन का झोपड़ा' हिन्दू मन्दिर का विध्वंस करके बनाया गया था। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर का मुख्य आकर्षण है। ख्वाजा विदेश आक्रान्ता शहाबुद्दीन गौरी के साथ दिल्ली आये और अजमेर में रहने लगे। संक्षेप में अजयमेरू (अजमेर) ने उत्थान व पतन दोनों इझेले हैं।अजमेर के पास ही पवित्र पुष्कर झील है। |