− | समाज जीवन में केन्द्रिकरण और विकेंद्रीकरण का समन्वय हो यह आवश्यक है। विशाल उद्योग, बाजार की मंडियां, शासकीय कार्यालय, व्यावसायिक, भाषिक, प्रादेशिक समूहों के समन्वय की व्यवस्थाएं आदि के लिये शहरों की आवश्यकता होती है। लेकिन इनमें अनावश्यक केन्द्रीकरण न हो पाए। वनवासी या गिरिजन भी ग्राम व्यवस्था से ही जुड़े हुए होने चाहिए। | + | समाज जीवन में केन्द्रिकरण और विकेंद्रीकरण का समन्वय हो यह आवश्यक है। विशाल उद्योग, बाजार की मंडियां, शासकीय कार्यालय, व्यावसायिक, भाषिक, प्रादेशिक समूहों के समन्वय की व्यवस्थाएं आदि के लिये शहरों की आवश्यकता होती है। लेकिन इनमें अनावश्यक केन्द्रीकरण न हो पाए। वनवासी या गिरिजन भी [[Grama_Kul_(ग्रामकुल)|ग्राम व्यवस्था]] से ही जुड़े हुए होने चाहिए। |