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'''१. हर्बर्ट माक्र्युज''' ''' :''' न्यू लेफ्ट का जनक । जर्मन साम्यवादी विचारक । फ्रेंकफर्ट स्कूल ऑफ क्रिटिकल थियरी से संबंधित । 'संस्कृति, आधुनिक तंत्रज्ञान, मनोरंजन ये सब सामाजिक नियंत्रण के नये माध्यम हैं इस विचार को लेकर लेखन कार्य किया है।
 
'''१. हर्बर्ट माक्र्युज''' ''' :''' न्यू लेफ्ट का जनक । जर्मन साम्यवादी विचारक । फ्रेंकफर्ट स्कूल ऑफ क्रिटिकल थियरी से संबंधित । 'संस्कृति, आधुनिक तंत्रज्ञान, मनोरंजन ये सब सामाजिक नियंत्रण के नये माध्यम हैं इस विचार को लेकर लेखन कार्य किया है।
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'''२. मिशेल फुको :''' फ्रेंच तत्त्वज्ञ । वर्तमान स्थिति में  संपूर्ण विश्व के विद्यापीठों में इस प्रकार के 'ज्ञान का सब से बडा आकर्षण बिंदु' । व्यक्तिगत जीवन और लेखन पूर्ण रूप से अराजकता वादी । 'सत्ता और ज्ञान' (power and knowledge) इन के संबंध के विषय में किया गया सैद्धांतिक लेखन वर्तमान शिक्षा में विशेष रूप से समाविष्ट है । साम्यवाद का अनुनय करने वाले विश्व भर के विद्यार्थियों का प्रिय लेखक एवं तत्त्वज्ञ । धर्म, [[Family_Structure_(कुटुंब_व्यवस्था)|कुटुंब व्यवस्था]], विवाहसंस्था, शिक्षा एवं राजकीय व्यवस्थाओं में निहित पारंपरिक नैतिक मूल्यों की विध्वंसक आलोचना कर के, परंपरा का अनुसरण कर जो कुछ भी समाज, नीति इत्यादि सिद्ध हुए हैं उन सब को तिरस्कृत कर, पराकाष्ठा का संघर्ष कर के सत्ता प्राप्त कर, 'सांस्कृतिक क्रांति' को सफल करने का संदेश देने वाला लेखन । बुद्धिशील एवं आन्दोलन तथा सशस्त्र क्रांति में प्रत्यक्ष सहभागी होने वालों को समान रूप से संमोहित कर सके ऐसा स्फोटक और मानवी संस्कृति और सभ्यता को पूर्ण रूप से नकार कर तथाकथित 'शोषित' लोगोंं की सहायता से 'पर्यायी संस्कृति, सभ्यता, राजकीय व्यवस्था तथा समाज का निर्माण करना यह व्यक्तिस्वातंत्र्यवादी युवा मानस को आदर्श और बुद्धिप्रमाण्यवादी लगने वाला लेखन ।
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'''२. मिशेल फुको :''' फ्रेंच तत्त्वज्ञ । वर्तमान स्थिति में  संपूर्ण विश्व के विद्यापीठों में इस प्रकार के 'ज्ञान का सब से बडा आकर्षण बिंदु' । व्यक्तिगत जीवन और लेखन पूर्ण रूप से अराजकता वादी । 'सत्ता और ज्ञान' (power and knowledge) इन के संबंध के विषय में किया गया सैद्धांतिक लेखन वर्तमान शिक्षा में विशेष रूप से समाविष्ट है । साम्यवाद का अनुनय करने वाले विश्व भर के विद्यार्थियों का प्रिय लेखक एवं तत्त्वज्ञ । धर्म, कुटुंब व्यवस्था, विवाहसंस्था, शिक्षा एवं राजकीय व्यवस्थाओं में निहित पारंपरिक नैतिक मूल्यों की विध्वंसक आलोचना कर के, परंपरा का अनुसरण कर जो कुछ भी समाज, नीति इत्यादि सिद्ध हुए हैं उन सब को तिरस्कृत कर, पराकाष्ठा का संघर्ष कर के सत्ता प्राप्त कर, 'सांस्कृतिक क्रांति' को सफल करने का संदेश देने वाला लेखन । बुद्धिशील एवं आन्दोलन तथा सशस्त्र क्रांति में प्रत्यक्ष सहभागी होने वालों को समान रूप से संमोहित कर सके ऐसा स्फोटक और मानवी संस्कृति और सभ्यता को पूर्ण रूप से नकार कर तथाकथित 'शोषित' लोगोंं की सहायता से 'पर्यायी संस्कृति, सभ्यता, राजकीय व्यवस्था तथा समाज का निर्माण करना यह व्यक्तिस्वातंत्र्यवादी युवा मानस को आदर्श और बुद्धिप्रमाण्यवादी लगने वाला लेखन ।
    
'नैतिकता को समाज का आदर्श बनाया जाने का अर्थ है बहुसंख्यकों के नैतिकता / अनैतिकता के निकष संपूर्ण समाज पर थोपना' ।
 
'नैतिकता को समाज का आदर्श बनाया जाने का अर्थ है बहुसंख्यकों के नैतिकता / अनैतिकता के निकष संपूर्ण समाज पर थोपना' ।

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