इसी प्रकार पड़ोसी धर्म भी होता है। पड़ोसीयों के साथ संबंध बनें रहें, मजबूत हों, लचीले रहें, निरोग रहें और तितिक्षावान रहें इस हेतु जो जो करना पड़े वही पड़ोसी धर्म कहलाता है। | इसी प्रकार पड़ोसी धर्म भी होता है। पड़ोसीयों के साथ संबंध बनें रहें, मजबूत हों, लचीले रहें, निरोग रहें और तितिक्षावान रहें इस हेतु जो जो करना पड़े वही पड़ोसी धर्म कहलाता है। |