Changes

Jump to navigation Jump to search
→‎समावर्तन संदेश: लेख सम्पादित किया
Line 116: Line 116:  
# बच्चे के स्वधर्म को जानने की और उसके स्वधर्म के अनुसार उसे समाज के लिये उपयुक्त बनाने के लिये संस्कार और शिक्षा होते हैं।
 
# बच्चे के स्वधर्म को जानने की और उसके स्वधर्म के अनुसार उसे समाज के लिये उपयुक्त बनाने के लिये संस्कार और शिक्षा होते हैं।
 
# बच्चे को उसके स्वधर्म के अनुसार व्यवसाय और अर्थार्जन की विधा का चयन करने की प्रेरणा देना माता पिता और शिक्षक का काम है।
 
# बच्चे को उसके स्वधर्म के अनुसार व्यवसाय और अर्थार्जन की विधा का चयन करने की प्रेरणा देना माता पिता और शिक्षक का काम है।
# आश्रम व्यवस्था के वानप्रस्थी और संन्यासियों की जिम्मेदारी लोकशिक्षा की अर्थात् धर्म के प्रचार और प्रसार की है।
+
# [[Ashram System (आश्रम व्यवस्था)|आश्रम व्यवस्था]] के वानप्रस्थी और संन्यासियों की जिम्मेदारी लोकशिक्षा की अर्थात् धर्म के प्रचार और प्रसार की है।
 
# जब अधिकांश (९५ प्रतिशत) लोग स्वेच्छा से धर्म पालन करते है तब शिक्षा अच्छी है ऐसा माना जाएगा।
 
# जब अधिकांश (९५ प्रतिशत) लोग स्वेच्छा से धर्म पालन करते है तब शिक्षा अच्छी है ऐसा माना जाएगा।
  

Navigation menu