− | पारिवारिक उद्योग आधारित समाजजीवन की प्रतिष्ठापना/जीवन के प्रतिमान में पारिवारिक उद्योगों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। आश्रम व्यवस्था धार्मिक (धार्मिक) प्रतिमान के अनुसार जीनेवाले समाज की श्रेष्ठ पोषण व्यवस्था के लिए अनिवार्य बात होती है। और कौटुम्बिक उद्योग यह आश्रम व्यवस्था का अविभाज्य अंग है। इसा तरह जीवन के धार्मिक (धार्मिक) प्रतिमान और कौटुम्बिक उद्योगों का अन्योन्याश्रित संबंध होता है। | + | पारिवारिक उद्योग आधारित समाजजीवन की प्रतिष्ठापना/जीवन के प्रतिमान में पारिवारिक उद्योगों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। [[Ashram System (आश्रम व्यवस्था)|आश्रम व्यवस्था]] धार्मिक (धार्मिक) प्रतिमान के अनुसार जीनेवाले समाज की श्रेष्ठ पोषण व्यवस्था के लिए अनिवार्य बात होती है। और कौटुम्बिक उद्योग यह आश्रम व्यवस्था का अविभाज्य अंग है। इसा तरह जीवन के धार्मिक (धार्मिक) प्रतिमान और कौटुम्बिक उद्योगों का अन्योन्याश्रित संबंध होता है। |