झंडेवाला, नयी दिल्ली </ref>। बच्चों में अपने धर्म के प्रति ,अपने राष्ट्र के प्रति और अपने देशवासियों एवं माता-पिता गुरुजनों का आदर सम्मान करने की शिक्षा सर्वप्रथम देनी चाहिये। अतः हमें सर्वदा यह प्रयास करना चाहिए, कि विद्या का प्रारंभ अपनी प्राचीन भाषा संस्कृत में किया जाये। इसी विषय को अग्रेसर करते हुए सम्पूर्ण भारत का परिचय सभी अभिभावक सरल रूप में और सहजता से प्राप्त कर सके। | झंडेवाला, नयी दिल्ली </ref>। बच्चों में अपने धर्म के प्रति ,अपने राष्ट्र के प्रति और अपने देशवासियों एवं माता-पिता गुरुजनों का आदर सम्मान करने की शिक्षा सर्वप्रथम देनी चाहिये। अतः हमें सर्वदा यह प्रयास करना चाहिए, कि विद्या का प्रारंभ अपनी प्राचीन भाषा संस्कृत में किया जाये। इसी विषय को अग्रेसर करते हुए सम्पूर्ण भारत का परिचय सभी अभिभावक सरल रूप में और सहजता से प्राप्त कर सके। |