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| # खेती को अदेवमातृका बनाने के लिए ग्राम के लोगोंं की शक्ति से गाँव के तालाब का निर्माण या पुनर्निर्माण करना और उसका रखरखाव करना। | | # खेती को अदेवमातृका बनाने के लिए ग्राम के लोगोंं की शक्ति से गाँव के तालाब का निर्माण या पुनर्निर्माण करना और उसका रखरखाव करना। |
| # खेती को आनुवंशिक बनाने के लिए खेती को कौटुम्बिक उद्योग बनाना। | | # खेती को आनुवंशिक बनाने के लिए खेती को कौटुम्बिक उद्योग बनाना। |
− | # बच्चों को भी वर्तमान शिक्षा केन्द्रों से दूर रखकर अच्छी शिक्षा के लिए किसी वानप्रस्थी त्यागमयी योग्य शिक्षक की व्यवस्था करना। शिक्षक की आजीविका की चिंता ग्राम करे ऐसी व्यवस्था बिठाना। सीखने के लिए सारा विश्व ही ग्राम है, लेकिन जीने के लिए ग्राम ही विश्व है ऐसा जिन का दृढ़ निश्चय है ऐसे बच्चों को ही केवल अध्ययन के लिए, नई उपयुक्त बातें सीखने के लिए ही ग्राम से बाहर भेजना। | + | # बच्चोंं को भी वर्तमान शिक्षा केन्द्रों से दूर रखकर अच्छी शिक्षा के लिए किसी वानप्रस्थी त्यागमयी योग्य शिक्षक की व्यवस्था करना। शिक्षक की आजीविका की चिंता ग्राम करे ऐसी व्यवस्था बिठाना। सीखने के लिए सारा विश्व ही ग्राम है, लेकिन जीने के लिए ग्राम ही विश्व है ऐसा जिन का दृढ़ निश्चय है ऐसे बच्चोंं को ही केवल अध्ययन के लिए, नई उपयुक्त बातें सीखने के लिए ही ग्राम से बाहर भेजना। |
| # यथासंभव ग्राम में से धन, पानी और जीने के लिए युवक बाहर नहीं जाए यह देखना होगा। | | # यथासंभव ग्राम में से धन, पानी और जीने के लिए युवक बाहर नहीं जाए यह देखना होगा। |
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| # ग्राम से सीधे किसान से उत्पाद प्राप्त करने की व्यवस्था बिठाना। उत्पाद का उचित मूल्य किसान को देना। | | # ग्राम से सीधे किसान से उत्पाद प्राप्त करने की व्यवस्था बिठाना। उत्पाद का उचित मूल्य किसान को देना। |
| # संयुक्त कुटुम्ब बनाने के प्रयास करना। इससे खेती एवं उत्पाद की माँग का परिमाण बढेगा। | | # संयुक्त कुटुम्ब बनाने के प्रयास करना। इससे खेती एवं उत्पाद की माँग का परिमाण बढेगा। |
− | # किसानों के बच्चों के लिए नि:शुल्क उनके ग्राम में ही धार्मिक (भारतीय) शिक्षा की व्यवस्था में योगदान देना। | + | # किसानों के बच्चोंं के लिए नि:शुल्क उनके ग्राम में ही धार्मिक (भारतीय) शिक्षा की व्यवस्था में योगदान देना। |
| # ग्रामकुल की अर्थव्यवस्था के स्वरूप की प्रतिष्ठा के लिए प्रयास करना। | | # ग्रामकुल की अर्थव्यवस्था के स्वरूप की प्रतिष्ठा के लिए प्रयास करना। |
| # सम्भव हो तो शहर छोड़कर ग्राम का चयन कर ग्राम में रहने को जाना। | | # सम्भव हो तो शहर छोड़कर ग्राम का चयन कर ग्राम में रहने को जाना। |