− | # गर्भधारणा से लेकर संस्कारक्षम आयुतक बच्चों को श्रेष्ठ संस्कारों से युक्त करना। उनमें उपभोग संयम जैसी अच्छी आदतें डालना। सदाचार, संयम, स्वच्छता, सादगी, सत्यनिष्ठा, स्वावलंबन, स्वतंत्रता, सहकारिता, स्वदेशी (राष्ट्रभक्ति), परोपकार आदि का स्वभाव बनें ऐसे संस्कार करना। | + | # गर्भधारणा से लेकर संस्कारक्षम आयुतक बच्चोंं को श्रेष्ठ संस्कारों से युक्त करना। उनमें उपभोग संयम जैसी अच्छी आदतें डालना। सदाचार, संयम, स्वच्छता, सादगी, सत्यनिष्ठा, स्वावलंबन, स्वतंत्रता, सहकारिता, स्वदेशी (राष्ट्रभक्ति), परोपकार आदि का स्वभाव बनें ऐसे संस्कार करना। |
| # कुटुम्ब भावना के संस्कार, व्यवहार का सर्वप्रथम कुटुम्ब के सभी सदस्यों तक, ग्राम के सभी सदस्यों तक और आगे चराचर तक विस्तार करना। | | # कुटुम्ब भावना के संस्कार, व्यवहार का सर्वप्रथम कुटुम्ब के सभी सदस्यों तक, ग्राम के सभी सदस्यों तक और आगे चराचर तक विस्तार करना। |