#* जन्मजात वर्ण, वर्ण संस्कार और वर्ण शिक्षा की प्राप्ति के बाद वर्ण प्रशिक्षण की भी आवश्यकता होती है। सामान्यत: अच्छे गुरुकुलों में यह प्रशिक्षण गुरुकुलों में ही संपन्न हो जाता है। इसलिये जब बालक गुरुकुल की शिक्षा सम्पन्न कर समाज में आता है तब वह एक जिम्मेदार और कर्तृत्ववान समाजघटक के रूप में अपना व्यक्तिगत और सामाजिक दायित्व सहज ही निभाने में सफल होता है। | #* जन्मजात वर्ण, वर्ण संस्कार और वर्ण शिक्षा की प्राप्ति के बाद वर्ण प्रशिक्षण की भी आवश्यकता होती है। सामान्यत: अच्छे गुरुकुलों में यह प्रशिक्षण गुरुकुलों में ही संपन्न हो जाता है। इसलिये जब बालक गुरुकुल की शिक्षा सम्पन्न कर समाज में आता है तब वह एक जिम्मेदार और कर्तृत्ववान समाजघटक के रूप में अपना व्यक्तिगत और सामाजिक दायित्व सहज ही निभाने में सफल होता है। |